गुरुग्राम में ‘मातृ वन’ योजना की शुरुआत: हरियाली और जनसहभागिता का प्रतीक

पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करते हुए भारत सरकार ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ कार्यक्रम के अंतर्गत ‘मातृ वन’ पहल की औपचारिक शुरुआत की। यह आयोजन वन महोत्सव 2025 के अवसर पर हरियाणा के गुरुग्राम में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और आवास एवं शहरी कार्य और विद्युत मंत्री मनोहर लाल ने की।

750 एकड़ में फैलेगा हरियाली का सपना

‘मातृ वन’ योजना के तहत गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर अरावली पर्वत श्रृंखला में 750 एकड़ भूमि पर थीम आधारित शहरी वन विकसित किया जाएगा। यह वन न केवल जैव विविधता को बढ़ावा देगा, बल्कि दिल्ली-एनसीआर के लिए हृदय और फेफड़े के समान कार्य करेगा, जिससे क्षेत्र की वायु गुणवत्ता और शहरी सततता में सुधार आएगा।
इस परियोजना को कई हितधारकों के सहयोग से क्रियान्वित किया जाएगा, जिनमें CSR पार्टनर्स, निवासी कल्याण संघ, गैर सरकारी संगठन, बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ, स्कूल और सरकारी संस्थाएं शामिल होंगी।

थीम आधारित वनों की विशेषताएं

‘मातृ वन’ में निम्नलिखित प्रकार के विशेष वृक्षारोपण क्षेत्र शामिल होंगे:

  • बोधि वाटिका: बरगद, पीपल, गूलर, पिलखन के वृक्षों का समूह
  • बांस वन (Bamboosetum): विभिन्न प्रकार के बांस के पौधे
  • अरावली प्रजाति आर्बोरेटम
  • पुष्प वाटिका: फूलदार पेड़ों का समूह
  • सुगंध वाटिका: सुगंधित पौधों का समूह
  • औषधीय वनस्पति क्षेत्र
  • नक्षत्र और राशि वाटिका
  • कैक्टस गार्डन और बटरफ्लाई गार्डन

साथ ही, इस वन क्षेत्र में प्रकृति पथ, साइकिल ट्रैक, योग स्थल, विश्राम क्षेत्र, वर्षा जल संचयन जलाशय, सिंचाई के लिए उपचारित जल प्रणाली, और शहरी बाढ़ को रोकने के लिए जल निकाय भी विकसित किए जाएंगे।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ‘मातृ वन’ योजना ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत शुरू की गई है, जो प्रधानमंत्री मोदी के पर्यावरणीय दृष्टिकोण का हिस्सा है।
  • ‘वन महोत्सव’ भारत में प्रतिवर्ष जुलाई माह में मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत 1950 में के.एम. मुंशी ने की थी।
  • अरावली पर्वत श्रृंखला भारत की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखला है, जो हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और गुजरात तक फैली हुई है।
  • ‘मिशन LiFE’ के अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण से जुड़े व्यवहारिक सुधार जैसे ‘खाद्य, जल, ऊर्जा की बचत’ और ‘प्लास्टिक प्रतिबंध’ को बढ़ावा दिया जा रहा है।

एक आदर्श शहर की ओर अग्रसर गुरुग्राम

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन मानवता के लिए सबसे बड़ा वैश्विक संकट बन चुका है, और इसके समाधान के लिए भारत न केवल नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग बढ़ा रहा है, बल्कि हरित भवन, जैव विविधता पार्क और वन विकास जैसी परियोजनाओं पर भी काम कर रहा है।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने अरावली क्षेत्र में इस हरित प्रयास के लिए हरियाणा सरकार का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह वन क्षेत्र सभी नागरिकों को एक शांतिपूर्ण, स्वस्थ और तनाव-मुक्त जीवनशैली के लिए एक आदर्श वातावरण प्रदान करेगा।

निष्कर्ष

‘मातृ वन’ केवल एक वृक्षारोपण अभियान नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और सामूहिक जिम्मेदारी का प्रतीक है। यह परियोजना न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान देगी, बल्कि शहरी जीवन को अधिक स्वस्थ और संतुलित बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम होगी। गुरुग्राम अब हरित पहल में ‘मिलेनियम सिटी’ के रूप में अन्य शहरों के लिए मिसाल पेश करेगा।

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