गुजरात ने नई जैव प्रौद्योगिकी नीति (Biotechnology Policy) का अनावरण किया

17 फरवरी, 2022 को गुजरात सरकार ने नई जैव प्रौद्योगिकी नीति का अनावरण किया, जो जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में पूंजी निवेश पर 25% तक वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
नई जैव प्रौद्योगिकी नीति
- नई जैव प्रौद्योगिकी नीति की संचालन अवधि 2022 से 2027 तक पांच वर्ष होगी।
- यह नीति लगभग 1.2 लाख नए रोजगार के अवसर पैदा करेगी।
- यह इस क्षेत्र में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के अनुमानित निवेश को आकर्षित करेगी।
- यह गैर सरकारी संगठनों, वैज्ञानिक प्रतिष्ठानों और उद्योगों सहित हितधारकों के बीच साझेदारी को बढ़ावा देगी।
- ऐसी परियोजनाओं के लिए सावधि ऋण पर ब्याज सब्सिडी प्रदान करने के अलावा, यह नीति पांच साल के लिए बिजली शुल्क पर 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति भी प्रदान करती है।
नीति का उद्देश्य
इस नई नीति का उद्देश्य गुजरात को विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त जैव प्रौद्योगिकी हब बनाना है।
वित्तीय सहायता
- यह नई नीति गुजरात के जैव प्रौद्योगिकी उद्योग को विश्व स्तरीय बनाने के लिए प्रौद्योगिकी अधिग्रहण, वैकल्पिक ऊर्जा उत्पादन, कौशल विकास, गुणवत्ता प्रमाणन और बैंडविड्थ लीज के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। पुरानी नीति में ऐसी कोई सहायता शामिल नहीं थी।
- 200 करोड़ रुपये से कम निवेश करने वाले MSMEs को 40 करोड़ रुपये तक की सहायता मिलेगी।
- 200 करोड़ रुपये से अधिक के पूंजी निवेश वाली बड़ी परियोजनाओं को 200 करोड़ रुपये की अधिकतम सीमा के साथ कुल पूंजीगत व्यय के 25 प्रतिशत तक की सहायता मिलेगी। पांच साल की अवधि के लिए 20 तिमाही किश्तों के रूप में सहायता प्रदान की जाएगी।
पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाना
यह नई नीति समग्र पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने का प्रयास करती है। यह निजी क्षेत्र में जीनोम अनुक्रमण, पूर्व-नैदानिक परीक्षण, प्लग एंड प्ले सुविधाओं, विनिर्माण, परीक्षण और प्रमाणन प्रयोगशालाओं और निजी क्षेत्र के बीएसएल -3 लैब-वैक्सीन विकास जैसी विशेष परियोजनाओं को प्रोत्साहित करेगी।
Originally written on
February 19, 2022
and last modified on
February 19, 2022.