गाज़ा में भुखमरी की भयावह स्थिति: आधे मिलियन लोग मौत के कगार पर

संयुक्त राष्ट्र की ताज़ा इंटीग्रेटेड फूड सिक्योरिटी फेज़ क्लासिफिकेशन (IPC) रिपोर्ट ने दुनिया के सामने एक भयावह सच्चाई रखी है — गाज़ा पट्टी में पाँच लाख से अधिक लोग भुखमरी की गंभीर अवस्था (IPC फेज़ 5) में फंसे हुए हैं। यह स्थिति अब न केवल गाज़ा गवर्नरेट में केंद्रित है, बल्कि आने वाले हफ्तों में देर अल बाला और खान यूनुस तक फैलने की आशंका जताई गई है।
भयावह मानवीय संकट की तस्वीर
FAO, UNICEF, WFP और WHO जैसी प्रमुख संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने बताया है कि गाज़ा में भूख, कुपोषण और मृत्यु दर तेजी से बढ़ रही है। बच्चों, बुजुर्गों और विकलांग व्यक्तियों के लिए स्थिति विशेष रूप से गंभीर है, जो संकट से बाहर निकलने में असमर्थ हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक:
- 6.4 लाख से अधिक लोग IPC फेज़ 5 यानी “कैटास्ट्रॉफिक” खाद्य असुरक्षा की स्थिति में हैं।
- 1.14 मिलियन लोग IPC फेज़ 4 यानी “आपातकालीन” स्थिति में हैं।
- 3.96 लाख लोग IPC फेज़ 3 यानी “संकट” की श्रेणी में हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- IPC (Integrated Food Security Phase Classification) प्रणाली खाद्य असुरक्षा को पाँच स्तरों में वर्गीकृत करती है, जिसमें फेज़ 5 सबसे गंभीर यानी “फैमिन” की स्थिति को दर्शाता है।
- यह मध्य पूर्व में पहली बार है जब किसी क्षेत्र को आधिकारिक रूप से “भुखमरी ग्रस्त” घोषित किया गया है।
- जुलाई 2025 में गाज़ा में 12,000 से अधिक बच्चों को तीव्र कुपोषण (acute malnutrition) की श्रेणी में रखा गया — जो अब तक का सबसे अधिक मासिक आंकड़ा है।
- 98% कृषि भूमि नष्ट या अनुपयोगी हो चुकी है, जिससे स्थानीय खाद्य उत्पादन लगभग पूरी तरह से बंद हो गया है।
मानवीय हस्तक्षेप की तात्कालिक आवश्यकता
संगठनों ने कहा है कि तत्काल और सतत संघर्षविराम तथा मानवीय पहुंच की अनुमति ही इस संकट से जानें बचा सकती हैं।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुखों के अनुसार:
- UNICEF ने चेताया कि बच्चों में कुपोषण की गति इतनी तेज़ है कि अब शिशु भूख और सामान्य बीमारियों से भी मर रहे हैं।
- WHO ने कहा कि सामान्य बीमारियाँ जैसे दस्त और बुखार भी अब जानलेवा बन चुकी हैं, और स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है।
- WFP ने आग्रह किया कि तत्काल बड़े पैमाने पर खाद्य सहायता पहुंचाना ही एकमात्र समाधान है।
निष्कर्ष
गाज़ा में भुखमरी अब कोई चेतावनी नहीं, बल्कि एक यथार्थ है। यह एक मानव निर्मित आपदा है, जिसे केवल युद्धविराम, निर्बाध मानवीय सहायता और विश्व समुदाय की त्वरित एकजुटता से ही रोका जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों की इस चेतावनी को अनदेखा करना लाखों निर्दोष जीवन को मौत के मुंह में धकेलने जैसा होगा। अब और प्रतीक्षा नहीं — शांति, सहायता और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जानी चाहिए।