गगनयान मिशन की ओर भारत का अगला कदम: दिसंबर में ‘व्योममित्रा’ के साथ मानवरहित उड़ान

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मानव अंतरिक्ष यात्रा की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने कोयंबटूर में मीडिया से बातचीत में बताया कि दिसंबर 2025 में ‘व्योममित्रा’ नामक एक अर्ध-मानव (हाफ-ह्यूमनॉइड) को पहले मानवरहित मिशन के तहत अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसके साथ ही भारत का बहुप्रतीक्षित ‘गगनयान’ मिशन अपने प्रारंभिक चरण में प्रवेश कर रहा है।
गगनयान मिशन: योजना और प्रगति
ISRO प्रमुख ने बताया कि दिसंबर में होने वाली यह उड़ान सफल रहने पर 2026 में दो और मानवरहित उड़ानें की जाएंगी। गगनयान मिशन के तहत 2027 की पहली तिमाही में भारत अपने पहले अंतरिक्ष यात्री (गगनयात्री) को अंतरिक्ष में भेजेगा और सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करेगा। इस मिशन के लिए चयनित अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण मिल चुका है और विभिन्न तकनीकी परीक्षण चल रहे हैं।
गगनयान मिशन से जुड़ी तकनीकी सफलताएँ
गगनयान मिशन की तैयारी में भारत ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं:
- Integrated Air Drop Test (IADT-01): ISRO ने सफलतापूर्वक पैराशूट आधारित धीमीकरण प्रणाली का परीक्षण किया है, जो ISRO, वायुसेना, DRDO, नौसेना और तटरक्षक बल के संयुक्त प्रयास का परिणाम है।
- Human Rated Launch Vehicle (HLVM3): इसकी विकास प्रक्रिया और ज़मीनी परीक्षण पूरे हो चुके हैं।
- Orbital Module: क्रू और सर्विस मॉड्यूल के प्रणोदन तंत्र विकसित और परीक्षणित।
- Crew Escape System: पाँच प्रकार के मोटर्स बनाए और सफलतापूर्वक परीक्षण किए गए।
- बुनियादी ढाँचा: गगनयान कंट्रोल सेंटर, क्रू ट्रेनिंग सुविधा, ऑर्बिटल मॉड्यूल तैयारी केंद्र आदि की स्थापना।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- व्योममित्रा एक महिला-आकार की अर्ध-मानव रोबोट है जिसे गगनयान मिशन के लिए विकसित किया गया है।
- गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिसकी घोषणा 2018 में की गई थी।
- ISRO की स्थापना 1969 में हुई और इसका मुख्यालय बेंगलुरु में है।
- 2035 तक भारत का लक्ष्य है ‘भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (Bharatiya Antariksha Station)’ स्थापित करना।
- 2040 तक चंद्रमा पर मानवयुक्त मिशन भेजने की योजना भी घोषित की गई है।