खेल मंत्रालय की व्यापक इंटर्नशिप नीति से युवा प्रतिभाओं को बढ़ावा
भारत के खेल पारितंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय ने व्यापक इंटर्नशिप नीति की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को खेल प्रशासन, शासन व्यवस्था और उससे जुड़े पेशेवर क्षेत्रों में संरचित एवं व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है। इसके माध्यम से देश के खेल भविष्य के लिए एक सक्षम और प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार करने की योजना बनाई गई है।
खेल संस्थानों में संरचित इंटर्नशिप
नई नीति के तहत हर वर्ष कुल 452 इंटर्नशिप उपलब्ध कराई जाएंगी, जो मंत्रालय और उसके स्वायत्त निकायों में संचालित होंगी। इनमें भारतीय खेल प्राधिकरण, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी और राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला शामिल हैं। यह कार्यक्रम कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों को लक्षित करता है, ताकि वे खेल प्रशासन, खेल विज्ञान, एंटी-डोपिंग, इवेंट प्रबंधन और एथलीट सहायता सेवाओं में प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त कर सकें।
युवा सशक्तिकरण और शासन सुधार
युवा कार्य एवं खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि यह पहल युवाओं को भारत की खेल यात्रा में सार्थक योगदान देने के लिए सशक्त बनाएगी। उनके अनुसार, खेल पारितंत्र का रूपांतरण तभी संभव है जब कुशल पेशेवर और मजबूत संस्थागत ढांचा तैयार किया जाए। यह इंटर्नशिप कार्यक्रम युवाओं को व्यावहारिक अनुभव के साथ राष्ट्र निर्माण में भागीदारी का अवसर प्रदान करता है।
राष्ट्रीय खेल दृष्टि के अनुरूप पहल
यह इंटर्नशिप नीति राष्ट्रीय खेल नीति और खेलो भारत नीति 2025 के अनुरूप है। इसके तहत क्षमता निर्माण और खेल प्रशासन के पेशेवरकरण पर विशेष जोर दिया गया है। इंटर्न्स को खेलो इंडिया, टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम और टारगेट एशियन गेम्स ग्रुप जैसी प्रमुख योजनाओं के साथ काम करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, उन्हें भारतीय खेल प्राधिकरण के स्टेडियमों, क्षेत्रीय केंद्रों और राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों में व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
चयन प्रक्रिया और दीर्घकालिक प्रभाव
इंटर्नशिप 20 से अधिक कार्यात्मक क्षेत्रों में उपलब्ध होंगी, जिनमें खेल प्रबंधन, खेल विज्ञान, कानूनी मामले, आईटी सिस्टम, मीडिया एवं संचार, अंतरराष्ट्रीय खेल शासन और एंटी-डोपिंग शामिल हैं। चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी और वर्ष में दो बार एक केंद्रीकृत ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। इस कार्यक्रम से स्वच्छ खेल, पारदर्शी प्रशासन और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय ने व्यापक इंटर्नशिप नीति शुरू की है।
- हर वर्ष 452 इंटर्नशिप मंत्रालय और उसके स्वायत्त निकायों में दी जाएंगी।
- यह नीति खेलो भारत नीति 2025 के अनुरूप है।
- एनएडीए और एनडीटीएल इस कार्यक्रम के प्रमुख संस्थान हैं।
कुल मिलाकर, यह इंटर्नशिप नीति भारत के खेल क्षेत्र में एक मजबूत और भविष्य के लिए तैयार मानव संसाधन विकसित करने की दिशा में निर्णायक कदम है। इससे न केवल युवाओं को करियर के नए अवसर मिलेंगे, बल्कि भारत की वैश्विक खेल उपस्थिति को भी मजबूती मिलेगी।