खुदरा मुद्रास्फीति 8 वर्षों के न्यूनतम स्तर पर: सितंबर 2025 में केवल 1.54% रही महंगाई दर

खुदरा मुद्रास्फीति 8 वर्षों के न्यूनतम स्तर पर: सितंबर 2025 में केवल 1.54% रही महंगाई दर

सितंबर 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति गिरकर 1.54% पर आ गई है, जो पिछले आठ वर्षों से भी अधिक समय में सबसे निचला स्तर है। यह आंकड़ा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर मापा गया है, जिसे सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी किया गया। लगातार दूसरी बार यह दर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की न्यूनतम स्वीकार्य सीमा 2% से भी नीचे रही है।

खाद्य और ईंधन की कीमतों में गिरावट का प्रभाव

इस बार की मुद्रास्फीति में गिरावट का मुख्य कारण खाद्य और ईंधन की कीमतों में आई कमी है। खाद्य एवं पेय पदार्थ श्रेणी में सितंबर में -1.4% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि अगस्त में यह 0.05% की मामूली वृद्धि पर थी। पिछले साल सितंबर 2024 में यह आंकड़ा 8.4% था, जिससे इस साल की गिरावट और अधिक स्पष्ट हो जाती है।
ईंधन और प्रकाश श्रेणी में भी मुद्रास्फीति कम होकर 1.98% रही, जो अगस्त के 2.3% से कम है। अप्रैल 2025 से अब तक इस श्रेणी में लगभग लगातार गिरावट देखी जा रही है। इससे घरेलू खर्च करने वालों को राहत मिली है और उनकी क्रय शक्ति में सुधार हुआ है।

खाद्य तेल और कुछ श्रेणियों में जोखिम बना हुआ

हालांकि, खाद्य मुद्रास्फीति में सामान्य गिरावट है, लेकिन कुछ उप-श्रेणियों में अभी भी चिंता बनी हुई है। तेल और वसा श्रेणी में सितंबर 2025 में 18.3% की दो अंकीय मुद्रास्फीति दर्ज की गई है, जो लगातार 11वें महीने दो अंकों में रही। इसका मुख्य कारण है—कम बुवाई रुझान, आयात पर निर्भरता और वैश्विक स्तर पर खाद्य तेलों की ऊंची कीमतें।
पान, तंबाकू और अन्य मादक उत्पादों की श्रेणी में भी मुद्रास्फीति अगस्त के 2.5% से बढ़कर सितंबर में 2.7% हो गई। वहीं, आवास क्षेत्र में भी मुद्रास्फीति तेज होकर 4% पर पहुंच गई, जो पिछले महीने 3.1% थी।

अन्य श्रेणियों में स्थिरता

कपड़ा और जूते-चप्पल श्रेणी में लगातार पांचवें महीने मुद्रास्फीति में गिरावट रही। यह आंकड़ा सितंबर में 2.28% रहा, जो अगस्त में 2.33% और पिछले वर्ष सितंबर में 2.7% था। इस तरह से यह श्रेणी अपेक्षाकृत स्थिर दिखाई दे रही है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मुद्रास्फीति स्वीकार्य सीमा 2% से 6% के बीच है।
  • उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) भारत में खुदरा महंगाई को मापने का प्रमुख माध्यम है।
  • जून 2017 में मुद्रास्फीति इससे भी कम यानी 1.46% थी।
  • RBI की मौद्रिक नीति समिति ने हाल ही में लगातार चौथी बार वर्ष के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को घटाया है।
Originally written on October 15, 2025 and last modified on October 15, 2025.

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