खरीफ फसलों के क्षेत्र में कमी आई : कृषि मंत्रालय

22 अगस्त, 2021 को कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, धान जैसे खरीफ फसलों के तहत मौजूदा मानसून के मौसम में 1,043.87 लाख हेक्टेयर में 1.55% की गिरावट देखी गई।
मुख्य बिंदु
- मंत्रालय ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि, “मानसून के मौसम की शुरुआत में कम, बिखरी हुई या अनिश्चित वर्षा” के कारण खरीफ फसलों में कमी आई है।
- वर्ष 2020 में खरीफ फसलों का कुल क्षेत्रफल समान अवधि के लिए 1,060.37 लाख हेक्टेयर था।
- हालांकि पांच साल के औसत 1,010.48 लाख हेक्टेयर की तुलना में क्षेत्र में 33.40 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है।
- कपास की खेती का रकबा 2020 की तुलना में 10.65 लाख हेक्टेयर कम हुआ है। हालांकि, सामान्य औसत की तुलना में यह कमी केवल 1.01 लाख हेक्टेयर है।
- कम या अनिश्चित बारिश के कारण महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश और पंजाब राज्यों से कपास का कम रकबा हुआ है।
खरीफ फसल
खरीफ फसलों को मानसून फसल या शरद ऋतु फसल भी कहा जाता है। इन फसलों की कटाई आमतौर पर सितंबर के तीसरे सप्ताह से अक्टूबर तक की जाती है। भारत में प्रमुख खरीफ फसलों में मक्का, चावल और कपास शामिल हैं।
भारत में खरीफ फसल
चावल भारत में सबसे महत्वपूर्ण खरीफ फसल है, जो गर्म और आर्द्र जलवायु वाले वर्षा सिंचित क्षेत्रों में उगाई जाती है। इसे बढ़ते मौसम के लिए 16-20 डिग्री सेल्सियस और पकने के लिए 18-32 डिग्री सेल्सियस के तापमान की आवश्यकता होती है। वृद्धि अवधि के दौरान 150-200 सेंटीमीटर वर्षा और बाढ़ वाले क्षेत्र की आवश्यकता होती है।
Originally written on
August 23, 2021
and last modified on
August 23, 2021.