क्लीन प्लांट प्रोग्राम : भारत में रोगमुक्त पौध सामग्री से कृषि क्रांति की ओर

जलवायु परिवर्तन और पौधों पर जैविक व अजैविक खतरों की चुनौतियाँ आज भारतीय कृषि के सामने गंभीर समस्या बन चुकी हैं। वायरस जैसे रोगजनक फसलों की मात्रा, गुणवत्ता और आयु पर सीधा असर डालते हैं, जिससे किसानों की आय और उत्पादकता दोनों घटती हैं। कई बार जब तक लक्षण दिखाई देते हैं, तब तक खेतों में रोग नियंत्रण असंभव हो जाता है। इसीलिए रोगमुक्त पौध सामग्री से शुरुआत करना सबसे प्रभावी उपाय माना गया है। इसी पृष्ठभूमि में 9 अगस्त 2024 को केंद्र सरकार ने क्लीन प्लांट प्रोग्राम (CPP) को मंजूरी दी।
क्लीन प्लांट प्रोग्राम का उद्देश्य
CPP का उद्देश्य किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली, वायरस-मुक्त पौध सामग्री उपलब्ध कराना है। इसे कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने एशियाई विकास बैंक (ADB) के सहयोग से तैयार किया है।
- इस योजना में कुल ₹1,765.67 करोड़ का निवेश है, जिसमें दिसंबर 2023 में स्वीकृत $98 मिलियन का ADB ऋण शामिल है।
- राष्ट्रीय उद्यानिकी बोर्ड (NHB) इसके कार्यान्वयन का प्रमुख निकाय है, जबकि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) तकनीकी पहलुओं और क्षमता निर्माण की जिम्मेदारी निभा रहा है।
प्रमुख विकास और ढांचा
- देशभर में 9 क्लीन प्लांट सेंटर्स की स्थापना होगी। इनमें से 3 महाराष्ट्र में होंगे—पुणे (अंगूर), नागपुर (संतरा), और सोलापुर (अनार)।
- बड़े नर्सरी को ₹3 करोड़ और मध्यम नर्सरी को ₹1.5 करोड़ तक की वित्तीय सहायता मिलेगी।
- इन नर्सरियों से हर साल करीब 8 करोड़ रोगमुक्त पौध किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे।
- पुणे में एक राष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी, जहाँ मूल पौध प्रजातियों पर शोध होगा।
- इज़राइल और नीदरलैंड जैसे देशों से अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी इस योजना का हिस्सा है।
ज़मीनी प्रगति
CPP की शुरुआत कई महत्वपूर्ण कार्रवाइयों के साथ हुई है:
- हैज़र्ड एनालिसिस (HA) के तहत अंगूर, सेब और सिट्रस फसलों में वायरस प्रोफाइलिंग का कार्य प्रगति पर है।
- नर्सरी और लैब विज़िट्स के माध्यम से विभिन्न राज्यों में पौध उत्पादन, शोध क्षमता और लागत संरचना का अध्ययन किया गया।
- जनवरी 2025 में प्रयोगशालाओं का मूल्यांकन कर वायरस परीक्षण हेतु बायोइन्फॉर्मेटिक्स पाइपलाइन विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ाए गए।
किसानों और उपभोक्ताओं के लिए लाभ
- किसानों को रोगमुक्त पौध उपलब्ध होगी, जिससे उपज और आमदनी दोनों बढ़ेंगी।
- नर्सरियों को प्रमाणन प्रक्रिया और आधारभूत संरचना का लाभ मिलेगा।
- उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता, स्वाद और पोषण वाले फल मिलेंगे।
- भारत की निर्यात क्षमता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा मजबूत होगी।
- सभी किसानों को, चाहे वे छोटे हों या बड़े, समान अवसर मिलेंगे और महिला किसानों की भी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होगी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- क्लीन प्लांट प्रोग्राम की कुल लागत ₹1,765.67 करोड़ है।
- एशियाई विकास बैंक ने इस योजना के लिए $98 मिलियन का ऋण स्वीकृत किया।
- मिशन LiFE की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी ने 1 नवंबर 2021 को COP26, ग्लासगो में की थी।
- राष्ट्रीय वन हेल्थ मिशन को प्रधानमंत्री की विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सलाहकार परिषद (PM-STIAC) ने मंजूरी दी।