क्रोएशिया में प्रधानमंत्री मोदी को मिला ऐतिहासिक संस्कृत व्याकरण का उपहार, भारत-क्रोएशिया संबंधों में नया अध्याय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली क्रोएशिया यात्रा के दौरान उन्हें क्रोएशियाई प्रधानमंत्री आंद्रे प्लेंकोविच द्वारा एक ऐतिहासिक उपहार मिला—’वेज़्डिन की संस्कृत व्याकरण’ की पुनर्प्रकाशित प्रति। यह ग्रंथ संस्कृत की पहली मुद्रित व्याकरण है जो लैटिन भाषा में लिखी गई थी और 1790 में क्रोएशियाई विद्वान फिलिप वेज़्डिन ने भारत में अपने प्रवास के दौरान इसे तैयार किया था। यह उपहार भारत और क्रोएशिया के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है।
द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा
प्रधानमंत्री मोदी की ज़ाग्रेब यात्रा के दौरान दोनों देशों ने व्यापार, कृषि, पर्यटन, संस्कृति, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। उन्होंने कृषि, संस्कृति, विज्ञान और तकनीक सहित कई क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर किए। प्लेंकोविच ने भारत को “क्रोएशिया का महत्वपूर्ण एशियाई व्यापारिक साझेदार” बताया और कहा कि 2025 के पहले तीन महीनों में द्विपक्षीय व्यापार में 10% की वृद्धि दर्ज की गई।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारतीय पर्यटकों की संख्या में भी निरंतर वृद्धि हो रही है और आईसीटी, फार्मास्युटिकल और समुद्री परिवहन क्षेत्रों में सहयोग को और सुदृढ़ करने की योजना है।
भारतीय शिल्प का वैश्विक मंच पर प्रदर्शन
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी तीन-देशीय यात्रा के दौरान विभिन्न वैश्विक नेताओं को भारतीय विरासत से जुड़े हस्तशिल्प उपहार में दिए, जो भारत की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हैं:
- क्रोएशिया के प्रधानमंत्री को राजस्थान से चांदी का कैंडल स्टैंड भेंट किया।
- मैक्सिको की राष्ट्रपति को महाराष्ट्र की वारली पेंटिंग दी गई।
- अल्बर्टा की प्रीमियर को नक्काशी वाली चांदी की एबोनी वुड बॉक्स।
- अल्बर्टा की लेफ्टिनेंट गवर्नर को कश्मीर से पेपर माशी बॉक्स।
- ब्राजील के राष्ट्रपति को मेघालय से बांस-ईख की नाव।
- दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति को छत्तीसगढ़ की डोकरा कला में बना पीतल का घोड़ा।
- फ्रांस के राष्ट्रपति को तमिलनाडु से डोकरा नंदी की मूर्ति।
- जर्मनी के चांसलर को ओडिशा से कोणार्क चक्र की प्रतिकृति।
- दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति को बिहार की मधुबनी पेंटिंग।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- वेज़्डिन की संस्कृत व्याकरण 1790 में लैटिन में प्रकाशित हुई थी और यह संस्कृत व्याकरण का पहला मुद्रित रूप है।
- यह प्रधानमंत्री मोदी की क्रोएशिया की पहली आधिकारिक यात्रा थी।
- 2025 के पहले तीन महीनों में भारत-क्रोएशिया व्यापार में 10% की वृद्धि हुई।
- प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी तीन-देशीय यात्रा में कनाडा (G7 शिखर सम्मेलन), साइप्रस और क्रोएशिया का दौरा किया।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी की क्रोएशिया यात्रा भारत-क्रोएशिया संबंधों में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक बन गई है। वेज़्डिन की संस्कृत व्याकरण की भेंट केवल एक सांस्कृतिक प्रतीक नहीं बल्कि दोनों देशों की साझा विरासत का प्रमाण है। आर्थिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में हुए समझौते भविष्य के लिए सहयोग के विस्तृत मार्ग खोलते हैं, जिससे भारत और यूरोपीय संघ के बीच संबंधों को भी मजबूती मिलेगी।