क्यों कुछ नदियाँ बहती हैं एकधारा में और कुछ हो जाती हैं बहुधारा: नया शोध देता है स्पष्ट उत्तर

नदी विज्ञान में वर्षों से एक महत्वपूर्ण प्रश्न बना हुआ है — आखिर क्यों कुछ नदियाँ एक ही धारा में बहती हैं जबकि कुछ अन्य अनेक धाराओं में विभाजित हो जाती हैं? यह प्रश्न जितना सरल लगता है, उतना ही जटिल है और इसके उत्तर की खोज में भूगोल, भूविज्ञान, पारिस्थितिकी और इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ दशकों से प्रयासरत रहे हैं। अब कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा के शोधकर्ताओं ने इस रहस्य को सुलझाने का दावा किया है।
एकधारा और बहुधारा नदियों के पीछे का वैज्ञानिक रहस्य
शोध में पाया गया कि:
- एकधारा नदियाँ तब बनती हैं जब नदी के दोनों किनारों पर कटाव और मिट्टी के जमाव (accretion) में संतुलन होता है। इसका मतलब है कि जितनी मिट्टी एक ओर कटती है, उतनी ही दूसरी ओर जम जाती है। इससे नदी की चौड़ाई स्थिर बनी रहती है।
- बहुधारा नदियाँ तब बनती हैं जब कटाव की दर जमाव से अधिक होती है। इससे नदी के चैनल चौड़े होते हैं और समय के साथ वे विभाजित हो जाते हैं।
इस असंतुलन को ही शोधकर्ता बहुधारात्मक प्रणाली का मूल कारण मानते हैं।
कैसे हुआ यह शोध?
- 1985 से 2021 तक 36 वर्षों की Landsat उपग्रह छवियों का उपयोग किया गया।
- शोधकर्ताओं ने दुनियाभर की लगभग 400 नदी प्रणालियों में से 84 नदियों का चयन किया।
- Particle Image Velocimetry (PIV) नामक तकनीक से यह मापा गया कि किनारे पर कितनी मिट्टी कट रही है और कितनी जम रही है।
- लाखों डेटा बिंदुओं का विश्लेषण कर यह निष्कर्ष निकाला गया।
वनस्पति का प्रभाव
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के एक अन्य अध्ययन में यह स्पष्ट किया गया कि:
- वनस्पति युक्त नदी मोड़ नदी घाटी के किनारे की ओर बढ़ते हैं।
- वनस्पति रहित मोड़ घाटी की ढलान के साथ नीचे की ओर बढ़ते हैं।
वनस्पति की उपस्थिति नदी के घुमाव (sinuosity) को नियंत्रित करती है, जो नदी के बहाव और मोड़ों के व्यवहार को प्रभावित करता है।
भारत में अध्ययन और संभावनाएँ
- शोध में गंगा के पटना, फरक्का और पाक्से (बांग्लादेश) तथा ब्रह्मपुत्र के पासीघाट, पांडु और बहादुराबाद जैसे हिस्सों का अध्ययन किया गया।
- ब्रह्मपुत्र को एक क्लासिक बहुधारा नदी पाया गया, जो बहुत तेज़ी से किनारों का कटाव करती है।
- अध्ययन से यह निष्कर्ष निकला कि ब्रह्मपुत्र जैसी नदियाँ संतुलन पर नहीं, बल्कि निरंतर अस्थिरता पर आधारित होती हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- Particle Image Velocimetry (PIV): एक इमेज प्रोसेसिंग तकनीक जिससे जल की गति और किनारों के बदलावों को मापा जाता है।
- Sinuosity: नदी के घुमाव का मापन, जितना अधिक मान उतनी अधिक घुमावदार नदी।
- Multi-threaded Rivers in India: ब्रह्मपुत्र, घाघरा, गंडक के कुछ हिस्से।
- Single-threaded Rivers in India: यमुना, ताप्ती, नर्मदा।
बाढ़ प्रबंधन और पारिस्थितिक समाधान
- भारत में कई बहुधारा नदियों को कृत्रिम रूप से तटबंधों द्वारा एकधारा में बदल दिया गया है।
- यह परिवर्तन नदी की प्राकृतिक प्रवृत्तियों के विपरीत होता है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ता है।
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समाधान:
- प्राकृतिक बाढ़ मैदानों की पुनःस्थापना।
- कृत्रिम तटबंध हटाना और पुन: प्रवाह के लिए मार्ग देना।
- वनस्पति क्षेत्रों और गीले क्षेत्रों (wetlands) का विकास।
- अभिसारी चैनलों का पुनर्सक्रियकरण।
निष्कर्ष
यह शोध एक महत्वपूर्ण समझ प्रदान करता है कि नदियों के बहाव का स्वरूप केवल भौगोलिक नहीं बल्कि कटाव-जमाव की असंतुलन प्रक्रिया, वनस्पति, और मानव हस्तक्षेप पर भी निर्भर करता है। विशेष रूप से भारत जैसे देश में, जहाँ नदियों से जुड़ी जीवनशैली, कृषि, और आपदा प्रबंधन का गहरा संबंध है, यह शोध नीति निर्माण और नदी प्रबंधन के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकता है।