क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2026 में लुंड यूनिवर्सिटी शीर्ष पर
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पर्यावरणीय, सामाजिक और शासन (ESG) प्रदर्शन पर बढ़ते वैश्विक फोकस को दर्शाते हुए QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2026 जारी की गई है। इस वर्ष रैंकिंग में रिकॉर्ड संख्या में विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है, जो यह दर्शाता है कि अब शिक्षा जगत में सतत विकास, जिम्मेदार शोध और समावेशी नीतियां प्रमुख मूल्य बन चुके हैं।
वैश्विक सस्टेनेबिलिटी लीडर्स
स्वीडन की लुंड यूनिवर्सिटी ने इस बार पहला स्थान प्राप्त किया है, और यह पहली बार है जब उसने 2023 में शुरू हुई इस रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल किया है। उसे पूर्ण अंक प्राप्त हुए हैं। दो वर्षों तक शीर्ष पर रही यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो अब दूसरे स्थान पर है, जबकि यूसीएल (यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन) तीसरे स्थान पर पहुंची है। इसके बाद यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग और यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया शीर्ष पाँच में शामिल हैं।
शीर्ष 10 विश्वविद्यालय और उनका प्रभाव
लुंड यूनिवर्सिटी के साथ इस सूची में शामिल अन्य प्रमुख संस्थान हैं लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, इम्पीरियल कॉलेज लंदन, यूएनएसडब्ल्यू सिडनी, मैकगिल यूनिवर्सिटी (कनाडा) और यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर। इन सभी ने अपने अनुसंधान, प्रशासन, सामाजिक पहल और संचालन में सस्टेनेबिलिटी को केंद्र में रखते हुए उल्लेखनीय कार्य किया है।
भारत और एशिया की बढ़ती उपस्थिति
2026 संस्करण में 106 देशों के लगभग 2,000 विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है। अमेरिका 240 संस्थानों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद चीन (163), ब्रिटेन (109) और भारत (103) का स्थान है। भारत की भागीदारी इस बार उल्लेखनीय रही, क्योंकि 26 भारतीय विश्वविद्यालय पहली बार इस रैंकिंग में शामिल हुए हैं जो संख्या के लिहाज से चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा योगदान है। यह भारतीय उच्च शिक्षा में सस्टेनेबिलिटी के प्रति बढ़ती जागरूकता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- लुंड यूनिवर्सिटी (स्वीडन) QS सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2026 में प्रथम स्थान पर रही।
- इस वर्ष 106 देशों के लगभग 2,000 विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन किया गया।
- अमेरिका, चीन, ब्रिटेन और भारत के सबसे अधिक संस्थान सूची में शामिल हुए।
- रैंकिंग में पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) सूचकांकों के आधार पर अंक दिए जाते हैं।
सस्टेनेबिलिटी बनी उच्च शिक्षा का मूल स्तंभ
QS सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता के आधार पर नहीं करती, बल्कि यह देखती है कि संस्थान जलवायु परिवर्तन, सामाजिक प्रभाव, जिम्मेदार शासन और सामुदायिक सहभागिता जैसे क्षेत्रों में कितना योगदान दे रहे हैं।एशियाई और यूरोपीय विश्वविद्यालयों की मजबूत उपस्थिति और वैश्विक भागीदारी में निरंतर वृद्धि यह साबित करती है कि सस्टेनेबिलिटी अब उच्च शिक्षा का एक अनिवार्य और प्रभावशाली स्तंभ बन चुकी है। यह प्रवृत्ति न केवल अकादमिक जगत को बल्कि पूरे समाज को एक अधिक जिम्मेदार और हरित भविष्य की दिशा में प्रेरित कर रही है।