क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2026 में भारतीय संस्थानों की शानदार छलांग
भारत ने QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2026 में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। इस वर्ष के परिणाम भारत की वैश्विक उच्च शिक्षा में बढ़ती उपस्थिति और अनुसंधान-आधारित शिक्षा प्रणाली की मज़बूती को दर्शाते हैं। शीर्ष भारतीय इंजीनियरिंग एवं शोध संस्थानों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रदर्शन से देश का गौरव बढ़ाया है।
भारत के शीर्ष प्रदर्शनकारी संस्थान
इस वर्ष आईआईटी दिल्ली भारत का सर्वोच्च संस्थान रहा, जिसे वैश्विक स्तर पर 123वां स्थान और 65.5 अंक प्राप्त हुए। इसके बाद आईआईटी बॉम्बे ने 129वां और आईआईटी मद्रास ने 180वां स्थान हासिल किया। इन संस्थानों के लिए यह रैंकिंग उनकी सतत अनुसंधान उपलब्धियों, शैक्षणिक प्रतिष्ठा और स्नातकों की उच्च रोजगार क्षमता का परिणाम है।
राष्ट्रीय रैंकिंग और अन्य प्रमुख संस्थान
नवीनतम संस्करण में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर, कानपुर, गुवाहाटी, भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बेंगलुरु, दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ-साथ अन्ना विश्वविद्यालय, शूलिनी विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), आईआईटी (बीएचयू) और सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय जैसी विविध संस्थाएँ भी शामिल हैं। इन रैंकिंग्स में भारत के सार्वजनिक और निजी दोनों वर्गों के विश्वविद्यालयों की मजबूत उपस्थिति दिखाई देती है।
वैश्विक रैंकिंग्स में भारत की बढ़ती भूमिका
भारत अब उन कुछ देशों में शामिल है जिनकी उच्च शिक्षा संस्थाएँ विश्वस्तरीय सूचियों में लगातार विस्तार कर रही हैं। इस सूची में देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालय जैसे आईआईटी हैदराबाद, मुंबई विश्वविद्यालय, बिट्स पिलानी, जादवपुर विश्वविद्यालय, वीआईटी वेल्लोर और सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी शामिल हैं। QS 2026 में दुनिया भर के 1,500 से अधिक शीर्ष विश्वविद्यालयों को स्थान मिला है, जिनमें लगभग 500 संस्थानों ने पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत का शीर्ष संस्थान: आईआईटी दिल्ली (वैश्विक रैंक 123)
- अन्य प्रमुख संस्थान: आईआईटी बॉम्बे (129) और आईआईटी मद्रास (180)
- कुल सूचीबद्ध संस्थान: 1,500 से अधिक
- विश्व का शीर्ष संस्थान: एमआईटी (MIT)
- रैंकिंग प्रदाता: QS क्वाक्वेरेली साइमंड्स
वैश्विक स्तर पर भारतीय विश्वविद्यालयों की बढ़ती पहचान
भारतीय विश्वविद्यालय अब न केवल अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्रदर्शित कर रहे हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग, शिक्षण गुणवत्ता और विविध शैक्षणिक विषयों में भी प्रगति कर रहे हैं। यह प्रवृत्ति इस बात का संकेत है कि भारत का उच्च शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र लगातार प्रतिस्पर्धी और वैश्विक रूप से प्रासंगिक होता जा रहा है। QS रैंकिंग्स 2026 ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत आने वाले वर्षों में वैश्विक शिक्षा परिदृश्य में एक निर्णायक भूमिका निभाने की दिशा में अग्रसर है।