क्या भारत वास्तव में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है?

हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा जारी की गई 2024 की GDP रिपोर्ट्स और 2030 तक के अनुमान के आधार पर भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर मीडिया और राजनीति में गहन चर्चा हुई। IMF के अनुसार, भारत 2025 में जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। लेकिन क्या GDP के आंकड़े वास्तव में भारत की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को दर्शाते हैं?

GDP और उसका भ्रम

सकल घरेलू उत्पाद (GDP) किसी देश की आर्थिक गतिविधि का एक मात्रक है, लेकिन यह इस बात का सही संकेत नहीं देता कि देश के नागरिक किस तरह जीते हैं, कितनी असमानता है, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं कैसी हैं, या महिलाओं का अवैतनिक श्रम कितना है। इसके बावजूद, GDP को एकमात्र विकास सूचक के रूप में पेश करना आम चलन बना हुआ है।

मार्केट एक्सचेंज रेट बनाम पीपीपी

GDP की तुलना दो तरीकों से की जाती है:

  1. मार्केट एक्सचेंज रेट के आधार पर: इसमें प्रत्येक देश की मुद्रा को डॉलर में तब्दील किया जाता है वर्तमान विनिमय दर के अनुसार। इस आधार पर भारत 2025 में जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
  2. परचेजिंग पावर पैरिटी (PPP): इस पद्धति में मुद्राओं की तुलना उनके क्रयशक्ति के आधार पर होती है। यदि PPP पर आधारित GDP देखा जाए, तो भारत 2009 से ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। लेकिन यह केवल कीमतों की तुलना है, न कि जीवन स्तर की।

‘बड़ी अर्थव्यवस्था’ का भ्रम

PPP के आधार पर भारत की GDP लगभग $15 ट्रिलियन तक मानी जाती है, जो अमेरिका की GDP का लगभग आधा है। परंतु यह इस तथ्य को छिपा देता है कि भारत में मजदूरी कम है, महंगाई कम है, और असंगठित क्षेत्र बहुत बड़ा है। इस कारण PPP GDP ऊँची दिखती है, लेकिन वास्तविक जीवन स्तर नहीं बढ़ता।

प्रति व्यक्ति आय: असली तस्वीर

भारत की जनसंख्या बड़ी है, इसलिए कुल GDP बड़ी होने के बावजूद प्रति व्यक्ति आय कम है। 2024 में भारत की प्रति व्यक्ति GDP केवल $2,711 रही, जो श्रीलंका ($4,325), भूटान ($3,913) और वियतनाम ($4,536) से भी कम है। भारत का स्थान प्रति व्यक्ति GDP के हिसाब से दुनिया में 144वां रहा।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • 2025 में भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, जापान को पीछे छोड़ते हुए।
  • PPP के अनुसार भारत 2009 से ही तीसरे स्थान पर बना हुआ है।
  • भारत की प्रति व्यक्ति GDP 2024 में $2,711 थी, जो “लोअर मिडल इनकम” वर्ग में आती है।
  • IMF के अनुमान के अनुसार, भारत 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
  • भारत का स्थान 2024 में PPP आधारित प्रति व्यक्ति GDP में 127वां था।

भारत की अर्थव्यवस्था की कुल आकार को लेकर जो गौरव और प्रचार है, वह असल में “बड़ी अर्थव्यवस्था का भ्रम” बन चुका है। यदि वाकई भारत को विकसित राष्ट्र बनना है तो जरूरी है कि हम GDP से परे जाकर उन सूचकों पर ध्यान दें जो जीवन की गुणवत्ता, समानता, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मूलभूत पहलुओं को दर्शाते हैं। केवल बड़ी GDP के आंकड़ों से खुश होकर सामाजिक विकास की अनदेखी करना एक खतरनाक भूल हो सकती है।

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