क्या ईरान के ‘हाइपरसोनिक मिसाइल’ दावे से इजरायल की सुरक्षा व्यवस्था खतरे में है?

हाल ही में ईरान ने दावा किया है कि उसने इजरायल पर ‘फत्ताह 1’ नामक हाइपरसोनिक मिसाइलें दागी हैं। हालांकि अभी तक इस दावे की पुष्टि नहीं हुई है और विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान की यह तकनीकी क्षमता संदेह के घेरे में है। बावजूद इसके, यह दावा वैश्विक सामरिक संतुलन और मिसाइल रक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर नए सवाल खड़े कर रहा है।
हाइपरसोनिक मिसाइल क्या होती है?
हाइपरसोनिक मिसाइल वह हथियार है जो ध्वनि की गति से कम से कम पांच गुना अधिक तेजी (Mach 5+) से चलता है। पारंपरिक बैलिस्टिक मिसाइलें भी यह गति प्राप्त करती हैं, लेकिन आधुनिक हाइपरसोनिक मिसाइलों की खासियत यह है कि वे अत्यंत गतिशील होती हैं और उड़ान के दौरान दिशा बदल सकती हैं। यही उन्हें रोकना मुश्किल बनाता है।
इसकी तुलना में पारंपरिक मिसाइलें निश्चित रास्तों पर उड़ती हैं, जिनका अनुमान लगाया जा सकता है। लेकिन हाइपरसोनिक मिसाइलें कम ऊँचाई पर, तेजी से और अनियमित मार्गों पर उड़ती हैं, जिससे रडार और इंटरसेप्टर के पास प्रतिक्रिया का बहुत कम समय होता है।
ईरान की मिसाइल क्षमता कितनी प्रभावशाली है?
ईरान ने दावा किया है कि उसने ‘फत्ताह 1’ नामक हाइपरसोनिक मिसाइलें इजरायल पर दागी हैं। परंतु रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार ईरान के पास ऐसे मिसाइलों को बनाने और परीक्षण की पूर्ण तकनीकी क्षमता नहीं है। उनके अधिकांश मिसाइल, भले ही अत्यधिक गति से चलते हों, पर्याप्त दिशा-परिवर्तन (मैन्युवरेबिलिटी) नहीं कर सकते, जिससे वे ‘वास्तविक’ हाइपरसोनिक की श्रेणी में नहीं आते।
इजरायली विशेषज्ञों के अनुसार ईरान द्वारा अब तक दागे गए 400 से अधिक मिसाइलों में से 95% से अधिक को इंटरसेप्ट किया जा चुका है। इसका कारण यह है कि वे मिसाइल गति तो रखते हैं, लेकिन दिशा बदलने की योग्यता सीमित है।
कौन-कौन से देश हाइपरसोनिक मिसाइल विकसित कर रहे हैं?
- संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन इस तकनीक में सबसे आगे हैं, हालांकि उन्होंने अभी तक इनका युद्ध में प्रयोग नहीं किया है।
- रूस ने अपने ‘किन्झाल’ और ‘ओरेशनिक’ मिसाइलों को हाइपरसोनिक बताया है, लेकिन यूक्रेन में ये इंटरसेप्ट किए जा चुके हैं।
- उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, भारत, फ्रांस, जर्मनी, ईरान, जापान और दक्षिण कोरिया भी हाइपरसोनिक हथियार विकसित कर रहे हैं।
- यूरोपीय संघ इन मिसाइलों के लिए इंटरसेप्टर विकसित करने पर शोध कर रहा है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- Mach 5 से अधिक गति वाली मिसाइल को हाइपरसोनिक कहा जाता है।
- पारंपरिक मिसाइलें पूर्वानुमानित रास्तों पर चलती हैं, जबकि हाइपरसोनिक मिसाइलें दिशाएं बदल सकती हैं।
- रूस ने यूक्रेन युद्ध में ‘किन्झाल’ हाइपरसोनिक मिसाइल का प्रयोग किया है।
- अमेरिका ‘स्टील्थ डेस्ट्रॉयर’ पर हाइपरसोनिक हथियार तैनात करने की योजना बना रहा है।
ईरान का यह दावा चाहे जितना भी विवादित हो, इससे एक बात स्पष्ट है—हाइपरसोनिक तकनीक अब वैश्विक सामरिक प्रतिस्पर्धा का नया केंद्र बन चुकी है। यदि ये मिसाइलें सफलतापूर्वक प्रयोग में आती हैं, तो दुनिया की मिसाइल-रक्षा प्रणालियों को पूरी तरह पुनःपरिभाषित करना पड़ेगा। फिलहाल, इजरायल की सुरक्षा व्यवस्था इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना कर रही है, लेकिन भविष्य की संभावनाएं इस तकनीक की दिशा में गंभीर तैयारी की मांग करती हैं।