कौमी वक्फ बोर्ड तरक्कियाती योजना (Qaumi Waqf Boards Taraqqiati Scheme) क्या है?

कौमी वक्फ बोर्ड तरक्कियाती योजना (Qaumi Waqf Boards Taraqqiati Scheme) क्या है?

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने मार्च 2022 से नवंबर 2023 तक पूरे भारत में सभी वक्फ संपत्तियों को जियोटैग करने के लिए लंबे समय से विलंबित परियोजना की समय सीमा को संशोधित किया है।

मुख्य बिंदु

  • इस परियोजना की शुरुआत 2017 में ‘कौमी वक्फ बोर्ड तरक्कियाती योजना’ के तहत की गई थी। केंद्रीय वक्फ परिषद, नई दिल्ली इस योजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी है।
  • पूर्व में संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों के आधार पर इस योजना की परिकल्पना की गई थी।
  • इस योजना के तहत, सरकार वक्फ बोर्डों के तहत अचल संपत्तियों का उचित उपयोग और मुद्रीकरण सुनिश्चित करने के लिए उनका नक्शा बनाना चाहती थी।
  • इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना भी है कि ये संपत्तियां अतिक्रमणों और अन्य प्रतिस्वामित्व दावों से सुरक्षित रहे।

वक्फ संपत्तियां

अनुमान के मुताबिक, छह लाख से ज्यादा वक्फ संपत्तियां हैं। इसमें से 2 लाख संपत्तियों को पिछले पांच साल में जियोटैग किया गया है। प्रक्रिया को तेज करने के लिए, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय ‘सेंट्रल वक्फ काउंसिल’ ने GIS या GPS सर्वेक्षण करने के लिए और अधिक एजेंसियों को सूचीबद्ध करने के लिए 21 मार्च तक बोली लगाने का आह्वान किया। 2 मार्च 2022 को प्री-बिड मीटिंग बुलाई गई थी।

सेंट्रल वक्फ काउंसिल (Central Waqf Council)

सेंट्रल वक्फ काउंसिल एक भारतीय वैधानिक निकाय है। यह वक्फ अधिनियम, 1954 के तहत 1964 में स्थापित किया गया था। यह राज्य वक्फ बोर्डों के कामकाज और भारत में वक्फ के उचित प्रशासन से संबंधित मामलों पर सलाहकार प्रकृति का है।

वक्फ क्या है?

वक्फ मुस्लिम कानून द्वारा मान्यता प्राप्त धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए चल या अचल संपत्तियों का स्थायी समर्पण है।

Originally written on March 4, 2022 and last modified on March 4, 2022.

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