कोविड के बाद पहली गिरावट: FY2025 में भारतीयों की विदेश भेजी गई राशि में 6.84% की कमी

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की लिबरलाइज़्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत वित्तीय वर्ष 2025 में भारतीय नागरिकों द्वारा विदेश भेजी गई कुल राशि में 6.84% की गिरावट दर्ज की गई है। FY2024 में जहाँ यह आंकड़ा $31.74 बिलियन था, वहीं FY2025 में यह घटकर $29.56 बिलियन रह गया।

विदेशी पढ़ाई के लिए भेजी गई राशि में 16% की गिरावट

इस गिरावट का सबसे बड़ा कारण है विदेश में पढ़ाई के लिए भेजे गए फंड में आई 16% की कमी। FY2025 में यह राशि $3.48 बिलियन से घटकर $2.92 बिलियन रह गई। यह गिरावट मुख्य रूप से कनाडा, अमेरिका और यूके जैसे प्रमुख गंतव्य देशों द्वारा स्टूडेंट वीज़ा नियमों को कड़ा किए जाने के चलते आई है। 2024 में इन तीनों देशों में भारतीय छात्रों को जारी स्टडी परमिट्स में कम से कम 25% की कमी दर्ज की गई।

यात्रा के लिए भेजी गई राशि में मामूली गिरावट, फिर भी बढ़ता रुझान

हालांकि विदेशी यात्रा के लिए भेजे गए धन में मामूली गिरावट आई — FY2024 में $17 बिलियन की तुलना में FY2025 में यह $16.96 बिलियन रही — फिर भी पिछले चार वर्षों में इसमें 144% की भारी वृद्धि हुई है। FY2021 में यह मात्र $6.95 बिलियन थी। यह दर्शाता है कि भारतीय नागरिक अभी भी अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के प्रति उत्साहित हैं।

विदेशी निवेश में 12.5% की वृद्धि

FY2025 में विदेशी इक्विटी और डेट में भारतीयों का निवेश बढ़कर $1.699 बिलियन हो गया, जो पिछले साल $1.51 बिलियन था। यह 12.51% की वृद्धि को दर्शाता है, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि निवेश के प्रति भारतीयों का भरोसा बढ़ रहा है, भले ही अध्ययन और यात्रा में कमी आई हो।

छात्र रेमिटेंस में गिरावट के पीछे के कारण

RBI के अनुसार, विदेश में पढ़ाई के लिए जाने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट मुख्य वजह है। उदाहरण के लिए, कनाडा की इमिग्रेशन एजेंसी के अनुसार, 2024 की पहली तिमाही में भारतीय छात्रों को केवल 30,640 स्टडी परमिट जारी हुए — यह पिछले साल की तुलना में 31% कम है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और बाज़ारों की अस्थिरता के कारण भी कई लोगों ने यात्रा या पढ़ाई की योजना स्थगित कर दी।

टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स (TCS) में बदलाव और उसका असर

फरवरी 2025 के केंद्रीय बजट में LRS के अंतर्गत TCS की सीमा ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख कर दी गई, जिससे यात्रा और शिक्षा क्षेत्र को राहत मिलने की उम्मीद थी। हालांकि ₹10 लाख से ऊपर की हवाई टिकट बुकिंग या होटल बुकिंग पर 20% TCS लागू रहेगा, लेकिन क्रेडिट कार्ड से विदेश में खर्च करने पर यह लागू नहीं होगा।

निष्कर्ष: यात्रा बनी सबसे बड़ी रेमिटेंस श्रेणी

FY2025 में कुल LRS रेमिटेंस में यात्रा का हिस्सा 57% से अधिक रहा — $16.964 बिलियन — जबकि FY2014 में यह हिस्सा मात्र 1.5% था। यह दर्शाता है कि भारतीयों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा अब प्राथमिक आवश्यकता बन चुकी है।

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