कोलकाता राष्ट्रीय पुस्तकालय में सरदार पटेल पर विशेष प्रदर्शनी, एकता दिवस पर देशभक्ति का संदेश

कोलकाता राष्ट्रीय पुस्तकालय में सरदार पटेल पर विशेष प्रदर्शनी, एकता दिवस पर देशभक्ति का संदेश

राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर कोलकाता स्थित राष्ट्रीय पुस्तकालय में भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित एक विशेष प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। यह आयोजन भारत की एकता और प्रशासनिक नींव के शिल्पकार पटेल की स्थायी विरासत को रेखांकित करता है। इस प्रदर्शनी में उनके जीवन और योगदान से जुड़ी दुर्लभ सामग्री प्रस्तुत की गई है, जो आज की पीढ़ी को राष्ट्र निर्माण की उस ऐतिहासिक यात्रा से जोड़ती है।

दुर्लभ अभिलेखीय धरोहरों की झलक

एस.पी.एम. भाषा भवन में आयोजित इस प्रदर्शनी का उद्घाटन बीएसएफ की ईस्टर्न कमांड के अतिरिक्त महानिदेशक महेश कुमार अग्रवाल और राष्ट्रीय पुस्तकालय के महानिदेशक प्रो. अजय प्रताप सिंह ने संयुक्त रूप से किया। यह प्रदर्शनी 30 नवंबर 2025 तक प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आम जनता के लिए खुली रहेगी।
प्रदर्शनी में सरदार पटेल के जीवन से जुड़े दुर्लभ ग्रंथ, पत्राचार, और ऐतिहासिक तस्वीरें प्रदर्शित की गई हैं। इन दस्तावेजों के माध्यम से यह दर्शाया गया है कि स्वतंत्रता के बाद पटेल ने 500 से अधिक रियासतों का भारत में विलय कराकर एक अखंड राष्ट्र की नींव रखी थी और भारतीय सिविल सेवा प्रणाली को सशक्त बनाया।

एकता, सतर्कता और ईमानदारी का आह्वान

समारोह को संबोधित करते हुए एडीजी महेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय एकता केवल नेताओं या सैनिकों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने भ्रष्टाचार और आत्मसंतुष्टि को भारत की ऐतिहासिक कमजोरियों के रूप में रेखांकित किया, जिनके चलते देश कभी विदेशी शासकों के अधीन हुआ।
उन्होंने नागरिकों से सतर्कता, ईमानदारी और सामूहिक उत्तरदायित्व का पालन करने का आग्रह किया, ताकि भारत की अखंडता और संप्रभुता सुरक्षित रह सके।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • सरदार पटेल पर विशेष प्रदर्शनी 31 अक्टूबर 2025 को राष्ट्रीय पुस्तकालय, कोलकाता में शुरू हुई।
  • यह प्रदर्शनी 30 नवंबर 2025 तक, प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक दर्शकों के लिए खुली रहेगी।
  • उद्घाटन ADG महेश कुमार अग्रवाल और DG प्रो. अजय प्रताप सिंह द्वारा किया गया।
  • राष्ट्रीय एकता दिवस हर वर्ष 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

सांस्कृतिक धरोहर और बौद्धिक शक्ति का संरक्षण

महेश कुमार अग्रवाल ने राष्ट्रीय पुस्तकालय को “भारत की बौद्धिक धरोहर का संरक्षक” बताया और कहा कि दुर्लभ पांडुलिपियों और ऐतिहासिक अभिलेखों का संरक्षण देश की दीर्घकालीन शक्ति और विकास के लिए आवश्यक है। उन्होंने सरदार पटेल की उस दूरदृष्टि की सराहना की, जिसके तहत भारत एक संगठित और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में उभरा।
प्रो. अजय प्रताप सिंह ने पटेल को भारतीय एकता और प्रशासनिक व्यवस्था का निर्माता बताते हुए कहा कि उनकी दृढ़ राजनीतिक सोच और कूटनीति ने स्वतंत्र भारत को एक स्थिर संघ में बदल दिया। कार्यक्रम का समापन सरदार पटेल के आदर्शों — एकता, अखंडता और राष्ट्रीय सेवा — को बनाए रखने के संकल्प के साथ हुआ।

Originally written on November 3, 2025 and last modified on November 3, 2025.

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