“कोयला शक्ति” डैशबोर्ड: कोयला क्षेत्र में डिजिटल क्रांति की नई पहल
डिजिटल इंडिया मिशन को साकार करते हुए और डेटा-आधारित प्रशासन को सशक्त बनाने की दिशा में कोयला मंत्रालय ने “कोयला शक्ति” नामक स्मार्ट कोल एनालिटिक्स डैशबोर्ड के शुभारंभ की घोषणा की है। यह एकीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पूरे कोयला क्षेत्र में पारदर्शिता, दक्षता और रियल-टाइम निगरानी सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसका उद्घाटन 29 अक्टूबर 2025 को नई दिल्ली स्थित ओबेरॉय होटल में केंद्रीय कोयला एवं खनन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी की उपस्थिति में होगा।
कोयला शक्ति डैशबोर्ड की विशेषताएँ
“कोयला शक्ति” डैशबोर्ड कोयला मंत्रालय द्वारा विकसित एक केंद्रीकृत डिजिटल मंच है, जो कोयला उत्पादन, मांग, परिवहन और आपूर्ति से संबंधित डेटा को समेकित कर विश्लेषण करेगा। यह डैशबोर्ड रियल-टाइम रिपोर्टिंग, प्रदर्शन मूल्यांकन और लॉजिस्टिक्स के अनुकूलन को सरल बनाएगा, जिससे पूरे कोयला आपूर्ति श्रृंखला में सूचना का निर्बाध प्रवाह संभव हो सकेगा।
मुख्य उद्देश्य और लाभ
- एकीकृत दृश्यता: विभिन्न स्रोतों से प्राप्त डेटा को एक ही इंटरफेस में समाहित कर स्पष्ट निगरानी।
- रियल-टाइम मॉनिटरिंग: कोयला उत्पादन, डिस्पैच और लॉजिस्टिक गतिविधियों की सतत निगरानी।
- डेटा आधारित निर्णय: नीति निर्धारण और प्रबंधन के लिए विश्लेषणात्मक उपकरणों का प्रयोग।
- घटनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया: समस्याओं के समाधान हेतु त्वरित अलर्ट और सूचनाएं।
- मानकीकरण: सभी विभागों के लिए एकरूप मापदंड और रिपोर्टिंग प्रारूप।
- ऑपरेशनल दक्षता: मैनुअल त्रुटियों को कम कर निगरानी और रिपोर्टिंग को सरल बनाना।
- विस्तार योग्यता: भविष्य में अन्य डिजिटल प्रणालियों से एकीकरण की सुविधा।
- पारदर्शिता और जवाबदेही: प्रदर्शन संकेतकों की खुली जानकारी सभी हितधारकों के लिए।
- नीति योजना और पूर्वानुमान: रणनीतिक योजना के लिए विश्लेषणात्मक आंकड़ों का उपयोग।
हितधारकों का समावेश
यह डैशबोर्ड निम्नलिखित संगठनों और विभागों के डेटा को समेकित करेगा:
- कोयला उत्पादक कंपनियां एवं निजी खनिक
- कोयला, रेलवे, बिजली, वित्त, बंदरगाह, सड़क परिवहन आदि मंत्रालय और विभाग
- राज्य सरकारों के खनिज विभाग (ई-खनिज पोर्टल)
- विद्युत उत्पादन कंपनियाँ और औद्योगिक कोयला उपभोक्ता
- बंदरगाह प्राधिकरण और निजी कोयला टर्मिनल
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- कोयला मंत्रालय भारत सरकार का एक प्रमुख मंत्रालय है, जो देश की ऊर्जा जरूरतों के लिए कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करता है।
- “डिजिटल इंडिया” मिशन 2015 में शुरू किया गया था जिसका उद्देश्य भारत को ज्ञान आधारित डिजिटल समाज बनाना है।
- “आत्मनिर्भर भारत” अभियान के तहत ऊर्जा क्षेत्र को स्वदेशी तकनीक और संसाधनों से सशक्त बनाने पर ज़ोर दिया गया है।
- “कोयला शक्ति” डैशबोर्ड एक बहु-हितधारक प्लेटफार्म है जिसमें विभिन्न मंत्रालयों और एजेंसियों के बीच समन्वय को डिजिटल रूप से सक्षम किया गया है।
“कोयला शक्ति” की शुरुआत भारत के कोयला क्षेत्र में पारदर्शिता, जवाबदेही और कुशल प्रबंधन की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। यह न केवल डिजिटल शासन को बढ़ावा देगा बल्कि ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और सतत विकास को भी गति देगा। यह डैशबोर्ड प्रधानमंत्री के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” और “डिजिटल इंडिया” दृष्टिकोण को मजबूती प्रदान करता है।