कोयंबटूर में दो दिवसीय रक्षा सम्मेलन: आत्मनिर्भर भारत मिशन को नई गति
तमिलनाडु के औद्योगिक शहर कोयंबटूर में 13 और 14 नवंबर को कोडिसिया ट्रेड फेयर कॉम्प्लेक्स में दो दिवसीय रक्षा सम्मेलन (Defence Conclave) का आयोजन किया जा रहा है। कोडिसिया डिफेंस इनोवेशन एंड अटल इन्क्यूबेशन सेंटर (CDIIC) द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम रक्षा उद्योग, नीति निर्धारकों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाने का प्रयास है। इसका मुख्य उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत स्वदेशी रक्षा विनिर्माण और नवाचार को प्रोत्साहित करना है।
रक्षा निर्माण में एमएसएमई की अग्रणी भूमिका
इस सम्मेलन में 40 से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs) रक्षा उत्पादों और तकनीकों का प्रदर्शन करेंगे। कोयंबटूर ज़िला पहले से ही 100 से अधिक एमएसएमई इकाइयों का घर है जो रक्षा क्षेत्र के लिए उन्नत इंजीनियरिंग और सटीक विनिर्माण (Precision Manufacturing) कार्य कर रही हैं। प्रदर्शनी में ग्राउंड सपोर्ट इक्विपमेंट, ड्रोन और अनमैन्ड एरियल व्हीकल्स (UAVs) जैसे उत्पाद शामिल होंगे, जिनका विकास स्थानीय स्तर पर किया गया है।
नीतिगत चर्चा और उद्योग की तैयारियाँ
कोडिसिया के अध्यक्ष एम. कार्तिकेयन ने बताया कि यह सम्मेलन रक्षा खरीद प्रक्रिया, स्वदेशीकरण, नीतिगत ढाँचे और गुणवत्ता मानकों पर सार्थक चर्चाओं का मंच बनेगा। विशेषज्ञ पैनलों और सत्रों के माध्यम से उद्योग की तैयारियों को बढ़ाने और एमएसएमई, स्टार्टअप्स तथा रक्षा संगठनों के बीच सहयोग को गहरा करने पर विचार किया जाएगा। इस आयोजन से दक्षिण भारत, विशेषकर तमिलनाडु, की रक्षा उत्पादन श्रृंखला में भागीदारी को गति मिलने की उम्मीद है।
स्थानीय नवाचार और क्षमता का प्रदर्शन
सीडीआईआईसी के सीईओ विनोध कुमार ने बताया कि कोयंबटूर की कई कंपनियाँ पहले से ही राष्ट्रीय रक्षा परियोजनाओं में योगदान दे रही हैं। चार स्थानीय कंपनियाँ हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के एडवांस्ड लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (ALH) कार्यक्रम के लिए ग्राउंड सपोर्ट उपकरण बना रही हैं। इसके अलावा, एक कोयंबटूर-आधारित कंपनी ने स्वदेशी रूप से अटैक UAV विकसित किया है, जो वर्तमान में भारतीय वायुसेना (IAF) में परीक्षणाधीन है, जबकि दूसरी कंपनी परिचालन ड्रोन की आपूर्ति कर रही है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- रक्षा सम्मेलन का आयोजन 13–14 नवंबर 2025 को कोयंबटूर में होगा।
- आयोजक: कोडिसिया डिफेंस इनोवेशन एंड अटल इन्क्यूबेशन सेंटर (CDIIC)।
- 40 से अधिक एमएसएमई रक्षा तकनीक और उत्पाद प्रदर्शित करेंगे।
- कोयंबटूर की कंपनियाँ HAL के ALH कार्यक्रम और IAF के UAV परियोजनाओं में योगदान दे रही हैं।
कोयंबटूर: उभरता हुआ रक्षा विनिर्माण केंद्र
यह सम्मेलन कोयंबटूर की उस दृष्टि को मजबूत करता है जिसके तहत अगले पाँच वर्षों में इसे भारत का प्रमुख रक्षा विनिर्माण केंद्र बनाने का लक्ष्य है। नवाचार, निवेश और नीतिगत सहयोग को एक साथ लाकर यह आयोजन स्थानीय उद्योगों की राष्ट्रीय रक्षा पहलों में भागीदारी को बढ़ावा देगा।