कोपी लुवाक कॉफी पर वैज्ञानिक शोध: सिवेट द्वारा किण्वित बीन्स में पाई गई रासायनिक भिन्नता

कोपी लुवाक कॉफी पर वैज्ञानिक शोध: सिवेट द्वारा किण्वित बीन्स में पाई गई रासायनिक भिन्नता

केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय (CUK) के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ है कि सिवेट द्वारा संसाधित रोबस्टा कॉफी — जिसे ‘कोपी लुवाक’ के नाम से जाना जाता है — सामान्य रूप से एकत्रित रोबस्टा बीन्स की तुलना में वसा संरचना और सुगंधजनक यौगिकों में उल्लेखनीय भिन्नता दर्शाती है। यह निष्कर्ष इस विशिष्ट और महंगी कॉफी की सुगंध व स्वाद के पीछे छिपे जैव रासायनिक कारणों को स्पष्ट करता है।

सिवेट कॉफी का निर्माण और वैज्ञानिक विश्लेषण

कोपी लुवाक कॉफी एशियन पाम सिवेट (Paradoxurus hermaphroditus) द्वारा खाई गई पकी कॉफी चेरी से बनती है। सिवेट इन फलों का गूदा पचा लेता है, परंतु बीज (कॉफी बीन्स) उसके पाचन तंत्र से गुजरते हुए बाहर निकलते हैं। इस प्रक्रिया में लगभग 12 घंटे लगते हैं, जिसमें प्राकृतिक किण्वन होता है।
शोध में कोडगु क्षेत्र के जैविक और पारंपरिक फार्मों से एकत्रित बीन्स की तुलना सिवेट मल से प्राप्त बीन्स से की गई। बीन्स को भूनने से पहले उनका रासायनिक विश्लेषण किया गया ताकि गर्मी के प्रभाव से यौगिकों की हानि न हो।

अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष

  • सिवेट-प्रसंस्कृत बीन्स आकार में बड़े और वसा में अधिक पाए गए।
  • इनमें कैप्रीलिक एसिड और कैप्रिक एसिड जैसे फैटी एसिड मेथाइल एस्टर अधिक मात्रा में पाए गए — जो कॉफी की मलाईदार सुगंध और गहरे स्वाद के लिए उत्तरदायी होते हैं।
  • हालांकि प्रोटीन और कैफीन स्तर दोनों प्रकार की बीन्स में समान रहे।
  • यह अंतर मुख्यतः सिवेट के पाचन तंत्र में पाए जाने वाले Gluconobacter नामक बैक्टीरिया के कारण होता है, जो किण्वन के लिए आवश्यक एंजाइम उत्पन्न करता है।

भविष्य की संभावनाएं: कृत्रिम सिवेट कॉफी

शोधकर्ताओं ने यह संभावना जताई है कि अगर इन एंजाइमों के जीन की पहचान हो जाए, तो कृत्रिम रूप से सिवेट जैसी किण्वन प्रक्रिया अपनाकर ‘आर्टिफिशियल कोपी लुवाक’ तैयार की जा सकती है। इससे नैतिक, पर्यावरणीय और उत्पादन संबंधी लाभ मिल सकते हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • कोपी लुवाक को दुनिया की सबसे महंगी कॉफियों में गिना जाता है, जिसकी कीमत $600 से $13,000 प्रति पाउंड तक हो सकती है।
  • एशियन पाम सिवेट IUCN की ‘Least Concern’ श्रेणी में आता है, जबकि ब्राउन पाम सिवेट और मलाबार सिवेट दुर्लभ माने जाते हैं।
  • Gluconobacter एक प्रकार का बैक्टीरिया है जो कॉफी बीन्स में किण्वन की प्रक्रिया को स्वाभाविक रूप से संभव बनाता है।
  • वैश्विक कोपी लुवाक बाजार 2032 तक $11 बिलियन पार कर सकता है, जिसमें वार्षिक वृद्धि दर 4.43% अनुमानित है।
Originally written on October 27, 2025 and last modified on October 27, 2025.

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