कोको द्वीपों पर चीन की मौजूदगी से भारत चिंतित, म्यांमार ने भारतीय नौसेना को दौरे की अनुमति अब तक नहीं दी

म्यांमार ने भारत को आश्वस्त किया है कि बंगाल की खाड़ी स्थित कोको द्वीप समूह में कोई चीनी उपस्थिति नहीं है। हालांकि, भारत की कोको द्वीपों की नौसैनिक यात्रा की मांग पर म्यांमार सरकार अभी तक कोई स्पष्ट अनुमति नहीं दे पाई है। ये द्वीप भारत के लैंडफॉल द्वीप से मात्र 100 समुद्री मील से भी कम दूरी पर स्थित हैं, जिससे इनकी रणनीतिक महत्ता और भारतीय चिंता दोनों बढ़ जाते हैं।
कोको द्वीपों पर बढ़ती गतिविधियां
- कोको द्वीप पर हवाई पट्टी को 2,300 मीटर तक बढ़ाया गया है, ताकि वहां से परिवहन विमान उड़ान भर सकें।
- 1500 से अधिक सैन्य कर्मियों को रखने के लिए नई बैरकों और शेड्स का निर्माण हुआ है।
- कोको द्वीप और पास के जेरी द्वीप को जोड़ने के लिए एक कॉजवे (सड़क पुल) भी बनाया जा रहा है।
भारतीय चिंताओं का मूल
भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकारों को संदेह है कि चीन कोको द्वीपों का उपयोग निगरानी केंद्र (listening post) के रूप में कर रहा है, जिससे वह:
- भारत के बालासोर मिसाइल परीक्षण केंद्र और
- रामबिल्ली स्थित न्यूक्लियर सबमरीन बेस की गतिविधियों की निगरानी कर सके।
कोको द्वीप भारत की सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के बेहद निकट स्थित हैं। भारत को आशंका है कि चीन इन द्वीपों से हवाई निगरानी और बैलिस्टिक मिसाइल ट्रैकिंग सिस्टम के माध्यम से भारत की रणनीतिक क्षमता और मिसाइल परीक्षण की जानकारी जुटा रहा है।
रक्षा संवाद के बावजूद अनुमति लंबित
भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने 25–27 सितंबर 2025 के दौरान म्यांमार में आयोजित द्वितीय वार्षिक रक्षा संवाद में हिस्सा लिया था। म्यांमार की सेना के मेजर जनरल क्याव को ह्टिके से बातचीत में घबराहट को कम करने की कोशिश की गई, लेकिन भारतीय नौसेना को कोको द्वीपों के दौरे की अनुमति अब तक लंबित है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- कोको द्वीप समूह म्यांमार का हिस्सा है, लेकिन भारत के अंडमान-निकोबार द्वीपों के बहुत पास स्थित है।
- बालासोर (ओडिशा) और एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप भारत के प्रमुख मिसाइल परीक्षण स्थल हैं।
- म्यांमार के चिंदविन नदी के उत्तर और पश्चिमी इलाकों में सरकार की पकड़ बेहद कमजोर है, जहां चीन समर्थित विद्रोही गुट और ड्रग माफिया सक्रिय हैं।
- विजयनगर सालिएंट, अरुणाचल प्रदेश का एक संवेदनशील हिस्सा है, जहां इन तत्वों की घुसपैठ की रिपोर्टें हैं।