कैमरून में 92 वर्षीय पॉल बिया ने लगातार आठवीं बार राष्ट्रपति पद संभाला
कैमरून के 92 वर्षीय राष्ट्रपति पॉल बिया ने 2025 के राष्ट्रपति चुनाव में एक बार फिर जीत दर्ज कर ली है, जिससे वे दुनिया के सबसे वृद्ध वर्तमान राष्ट्राध्यक्ष बन गए हैं। 12 अक्टूबर 2025 को हुए इस चुनाव के नतीजों की घोषणा देश की संवैधानिक परिषद ने की, जिसके तहत बिया को 53.66% वोट मिले। यह जीत 1982 से सत्ता में बैठे पॉल बिया के आठवें कार्यकाल की शुरुआत है, जो देश में बढ़ती असंतोष और राजनीतिक अशांति के बीच आया है।
चुनाव परिणाम और मतदान का हाल
संवैधानिक परिषद के अनुसार, मुख्य विपक्षी उम्मीदवार इस्सा चिरोमा बाकारी को 35.19% वोट प्राप्त हुए। कुल मतदाता टर्नआउट 57.7% रहा। चुनाव से पहले देश के कई हिस्सों में हिंसक विरोध-प्रदर्शन हुए, जिनमें कम से कम चार लोगों की मौत हो गई। विपक्षी दलों ने चुनाव में धांधली और सत्ता पक्ष के पक्ष में परिणामों में हेरफेर के आरोप लगाए हैं।
अफ्रीका के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले नेताओं में शामिल
पॉल बिया 1982 में देश के पहले राष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद सत्ता में आए थे और तब से लगातार शासन कर रहे हैं। समय-समय पर संविधान में संशोधन कर कार्यकाल की सीमा समाप्त कर दी गई, जिससे वे बार-बार चुनाव लड़ते रहे। चार दशकों से अधिक शासन करने वाले बिया अफ्रीका के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले नेताओं में गिने जाते हैं।
चुनाव के दौरान असंतोष और विपक्ष की प्रतिक्रिया
चुनाव पूर्व और बाद में देश के कई क्षेत्रों में असंतोष और हिंसक घटनाएं देखी गईं। विपक्षी नेता इस्सा चिरोमा बाकारी ने सुरक्षा बलों पर प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने और नागरिकों की हत्या का आरोप लगाया, विशेष रूप से अपने गृह नगर गरौआ में। उन्होंने चुनाव परिणामों की स्वतंत्र जांच की मांग की है, जबकि सत्तारूढ़ दल ने इन आरोपों को निराधार बताया। सोशल मीडिया पर प्रदर्शनों, झड़पों और गिरफ्तारी की घटनाओं की कई वीडियो सामने आईं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- पॉल बिया, उम्र 92, वर्ष 2025 में विश्व के सबसे वृद्ध राष्ट्रपति हैं।
- वे 1982 से कैमरून के राष्ट्रपति हैं और अब आठवें कार्यकाल में प्रवेश कर चुके हैं।
- आधिकारिक वोट शेयर: पॉल बिया – 53.66%, इस्सा चिरोमा बाकारी – 35.19%
- कैमरून की 3 करोड़ आबादी में 70% से अधिक लोग 35 वर्ष से कम आयु के हैं।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
बिया की लगातार सत्ता में मौजूदगी कैमरून की वृद्ध नेतृत्व और युवा जनसंख्या के बीच बढ़ती खाई को उजागर करती है। विश्लेषकों का मानना है कि राजनीतिक ठहराव से सामाजिक असंतोष और अशांति और भी बढ़ सकती है। नया कार्यकाल पॉल बिया के लिए एक बड़ी परीक्षा होगा — खासकर तब जब देश को आर्थिक चुनौतियों और अंग्रेज़ी भाषी क्षेत्रों में उग्रवादी आंदोलनों का सामना करना पड़ रहा है।