कैबिनेट ने भूविज्ञान में सहयोग के लिए रूस-भारत समझौते को मंजूरी दी

कैबिनेट ने भूविज्ञान में सहयोग के लिए रूस-भारत समझौते को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भूविज्ञान के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और रूस के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) को मंजूरी दी।

मुख्य बिंदु

रूस की ज्वाइंट स्टॉक कंपनी रोसजियोलोजिया और खनन मंत्रालय के भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (Geological Survey of India – GSI) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

MoU का उद्देश्य

निम्नलिखित की खोज के लिए तकनीकी सहयोग के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए:

  1. गहरे और छिपे हुए खनिज भंडार
  2. भौतिकीय डेटा का विश्लेषण 
  3. रूसी सूचना प्रौद्योगिकी के साथ भारतीय भूविज्ञान डेटा भंडार का संयुक्त विकास
  4. डेटा सटीकता और लागत अनुकूलन प्राप्त करने के लिए ड्रिलिंग, नमूनाकरण और प्रयोगशाला विश्लेषण के संबंध में प्रौद्योगिकी और ज्ञान का आदान-प्रदान
  5. वैज्ञानिक कर्मियों का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण

पृष्ठभूमि

नई दिल्ली में अन्वेषण कार्यों में सहयोग के दृष्टिकोण पर चर्चा करने के लिए ROSGEO के एक प्रतिनिधिमंडल ने 2020 में खनन मंत्रालय और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के साथ बैठक की। इस बैठक के दौरान GSI और ROSGEO के बीच MoU पर हस्ताक्षर करने का प्रस्ताव था। तदनुसार, GSI ने ROSGEO के परामर्श से MoU को अंतिम रूप दिया।

Rosgeologia (ROSGEO)

यह रूसी संघ की सबसे बड़ी भूवैज्ञानिक सरकारी होल्डिंग कंपनी है। इस कंपनी के पास उत्पादन और तकनीकी क्षमताएं, उच्च पेशेवर क्षमताएं और साथ ही संचित भूवैज्ञानिक जानकारी का एक अनूठा दायरा है। यह सभी प्रकार के खनिज संसाधनों के लिए सभी प्रकार की भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और अन्वेषण गतिविधियाँ करता है।

Originally written on September 10, 2021 and last modified on September 10, 2021.

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