कैबिनेट ने केन-बेतवा नदी को जोड़ने की परियोजना को मंजूरी दी

कैबिनेट ने केन-बेतवा नदी को जोड़ने की परियोजना को मंजूरी दी

6 दिसंबर, 2021 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रमुख उत्तर भारतीय राज्यों के चुनावों से पहले केन-बेतवा नदी को जोड़ने की परियोजना (Ken-Betwa River Interlinking Project) को मंजूरी दी।

मुख्य बिंदु

  • केन-बेतवा नदी को जोड़ने की परियोजना 44,605 ​​करोड़ रुपये की है।
  • यह परियोजना मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में फैले बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की कमी के मुद्दे को हल करने का प्रयास करेगी।
  • इस परियोजना से  मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई गरीबी प्रभावित क्षेत्रों को लाभ होने की उम्मीद है।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही इस परियोजना की औपचारिक रूप से आधारशिला रखेंगे।

परियोजना के लिए अनुदान

इस परियोजना के लिए कुल 44,605 ​​करोड़ रुपये में से केंद्र सरकार 39,317 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करेगी। इसमें 36,290 करोड़ रुपये का अनुदान और 3,027 करोड़ रुपये का ऋण शामिल है।

केन-बेतवा परियोजना (Ken-Betwa Project)

  • केन-बेतवा नदी इंटरलिंकिंग परियोजना का उद्देश्य सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र को सिंचित करने के लिए मध्य प्रदेश में केन नदी से अधिशेष पानी को उत्तर प्रदेश में बेतवा नदी में स्थानांतरित करना है।
  • बुंदेलखंड क्षेत्र दो राज्यों के जिलों में फैला है:
  1. उत्तर प्रदेश में बांदा, झाँसी, ललितपुर और महोबा।
  2. मध्य प्रदेश में टीकमगढ़, पन्ना और छतरपुर जिले।
  • केन-बेतवा भारत में परिकल्पित 30 नदियों को जोड़ने वाली परियोजनाओं में से एक है।
  • 6 दिसंबर को मंजूरी मिलने से पहले, कई बार राजनीतिक और पर्यावरणीय मुद्दों के कारण इस परियोजना में देरी हो चुकी है।
  • इस परियोजना के तहत दौधन बांध (Daudhan Dam) और दोनों नदियों को जोड़ने वाली नहर का निर्माण किया जाएगा।

परियोजना के तहत वार्षिक सिंचाई

यह परियोजना सुनिश्चित करेगी:

  1. 1.06 मिलियन हेक्टेयर पर वार्षिक सिंचाई
  2. लगभग 6.2 मिलियन लोगों को पेयजल आपूर्ति
  3. 103 मेगावॉट जलविद्युत और 27 मेगावॉट सौर ऊर्जा का उत्पादन।

परियोजना का महत्व

यह परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र के पानी की कमी वाले जिलों के लिए वरदान के रूप में काम करेगी जहां किसान मानसून पर निर्भर हैं। इंटरलिंकिंग से उनके फसल चक्र में जल गहन, वृक्षारोपण और नकदी फसलों को शामिल करके क्षेत्र द्वारा कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

Originally written on December 9, 2021 and last modified on December 9, 2021.

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