कैबिनेट ने उर्वरक सब्सिडी के लिए 14,775 करोड़ रुपये की मंज़ूरी दी

कैबिनेट ने उर्वरक सब्सिडी के लिए 14,775 करोड़ रुपये की मंज़ूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2021-22 के लिए फॉस्फेटिक और पोटाश (P&K) उर्वरकों के लिए ‘पोषक तत्व आधारित सब्सिडी दर’ (Nutrient Based Subsidy Rates) के निर्धारण के लिए उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

मुख्य बिंदु

मंत्रिमंडल ने DAP (Di-ammonium Phosphate) उर्वरक पर सब्सिडी दरें ₹ 700 प्रति बैग बढ़ा दी हैं। डीएपी के हर बैग की कीमत अभी ₹ 2,400 है। इससे सरकारी खजाने पर अतिरिक्त ₹ 14,775 करोड़ का भार पड़ेगा।

इससे पहले केंद्र सरकार ने गैर-यूरिया उर्वरकों के लिए सब्सिडी घटा दी थी, जिससे सरकारी खजाने के ऊपर से 22,186.55 करोड़ रुपये का भार कम होगा।

नाइट्रोजन के लिए सब्सिडी को घटाकर ₹18.78 प्रति किलो, फास्फोरस ₹ 14.88 प्रति किलो, पोटाश ₹ 10.11 प्रति किलो और सल्फर ₹ 2.37 कर दिया गया है।

2019-20 के लिए नाइट्रोजन के लिए सब्सिडी ₹ 18.90 प्रति किलोग्राम, फास्फोरस ₹ 15.21 प्रति किलोग्राम, पोटाश ₹ 11.12 प्रति किलोग्राम और सल्फर ₹ 3.56 प्रति किलोग्राम निर्धारित की गयी थी। और 2019-20 के दौरान अपेक्षित व्यय ₹ 22,875 करोड़ था ।

2010 में, सरकार ने पोषक तत्व-आधारित सब्सिडी (Nutrient-Based Subsidy – NBS) कार्यक्रम शुरू किया था, जिसके तहत यूरिया को छोड़कर, सब्सिडी वाले फॉस्फेटिक और पोटाश (P&K) उर्वरकों के प्रत्येक ग्रेड पर उनमें मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा पर वार्षिक आधार पर तय की गई सब्सिडी की एक निश्चित राशि प्रदान की जाती है।

डी-अमोनियम फॉस्फेट (DAP), म्यूरेट ऑफ पोटाश (MoP) और एनपीके जैसे गैर-यूरिया उर्वरकों की खुदरा कीमतों को विनियंत्रित किया जाता है और इनकी कीमतों को निर्माताओं द्वारा निर्धारित किया जाता है, जबकि केंद्र सरकार हर साल एक निश्चित सब्सिडी देती है।

Originally written on June 17, 2021 and last modified on June 17, 2021.

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