कैंसर एआई एंड टेक्नोलॉजी चैलेंज (CATCH) ग्रांट प्रोग्राम: भारत में कैंसर देखभाल में एआई नवाचार को बढ़ावा

इंडिया एआई इंडिपेंडेंट बिज़नेस डिवीजन (IBD) ने नेशनल कैंसर ग्रिड (NCG) के साथ साझेदारी में कैंसर एआई एंड टेक्नोलॉजी चैलेंज (CATCH) ग्रांट प्रोग्राम की घोषणा की है। इस पहल का उद्देश्य कैंसर की स्क्रीनिंग, निदान, उपचार सहायता और स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित नवाचारों को बढ़ावा देना है।
कार्यक्रम के उद्देश्य और वित्तीय संरचना
यह कार्यक्रम चयनित परियोजनाओं को पायलट चरण में प्रति प्रोजेक्ट अधिकतम ₹50 लाख तक की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। सफल पायलट परियोजनाओं को ₹1 करोड़ तक का अतिरिक्त स्केल-अप ग्रांट भी दिया जा सकता है, जिससे उन्हें एनसीजी नेटवर्क या राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जा सके।इन ग्रांट्स का सह-वित्तपोषण इंडिया एआई और एनसीजी द्वारा किया जाएगा।
मुख्य फोकस क्षेत्र
CATCH कार्यक्रम विशेष रूप से उच्च-प्रभाव वाले स्वास्थ्य क्षेत्रों पर केंद्रित होगा, जिनमें शामिल हैं —
- एआई आधारित कैंसर स्क्रीनिंग
- डायग्नोस्टिक्स और इमेजिंग विश्लेषण
- क्लिनिकल निर्णय समर्थन प्रणाली
- रोगी सहभागिता प्लेटफॉर्म
- अस्पताल संचालन की दक्षता बढ़ाने वाले टूल्स
- अनुसंधान और डेटा प्रबंधन तकनीकें
पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
इस कार्यक्रम में आवेदन करने के पात्र हैं —
- स्टार्टअप और हेल्थ टेक कंपनियां
- शैक्षणिक एवं शोध संस्थान
- सार्वजनिक और निजी अस्पतालसंयुक्त आवेदन, जिसमें क्लिनिकल लीड (अस्पताल या चिकित्सक) और टेक्निकल लीड (प्रौद्योगिकी डेवलपर) दोनों शामिल हों, को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा।
आवेदन ऑनलाइन पोर्टल (इंडिया एआई और एनसीजी द्वारा होस्ट) के माध्यम से किए जाएंगे। अंतिम तिथि 2 सितंबर 2025 निर्धारित की गई है।
जिम्मेदार एआई विकास पर जोर
कार्यक्रम एआई समाधान के जिम्मेदार और नैतिक विकास, क्लिनिकल सत्यापन, और भारतीय स्वास्थ्य परिदृश्य के अनुसार कार्यान्वयन की तैयारी पर विशेष बल देता है। इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि विकसित तकनीकें न केवल अत्याधुनिक हों बल्कि व्यावहारिक, सुरक्षित और मरीज-केंद्रित भी हों।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- इंडिया एआई: डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (DIC) के तहत एक स्वतंत्र व्यवसायिक इकाई, जो इंडिया एआई मिशन के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है।
- नेशनल कैंसर ग्रिड (NCG): कैंसर देखभाल मानकों को बेहतर बनाने के लिए अस्पतालों और शोध संस्थानों का एक राष्ट्रीय नेटवर्क।
- भारत में हर साल लगभग 14 लाख नए कैंसर मामलों का पता चलता है, जिसमें शुरुआती स्क्रीनिंग और त्वरित उपचार जीवन बचाने में महत्वपूर्ण होते हैं।
- एआई आधारित डायग्नोस्टिक्स में कैंसर की पहचान की सटीकता पारंपरिक तरीकों की तुलना में कई गुना अधिक हो सकती है।
यह कार्यक्रम तकनीकी नवाचार और चिकित्सा विशेषज्ञता के संगम से कैंसर उपचार में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो भविष्य में लाखों मरीजों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।