केरल में शुरू होगा ‘स्पाइस रूट इनिशिएटिव’: एक वर्ष में तैयार होंगे 10 अनोखे पर्यटन सर्किट

केरल में शुरू होगा ‘स्पाइस रूट इनिशिएटिव’: एक वर्ष में तैयार होंगे 10 अनोखे पर्यटन सर्किट

केरल में पर्यटन को नया आयाम देने की दिशा में ‘मुज़िरिस प्रोजेक्ट्स लिमिटेड’ ने एक अनूठी पहल की है — स्पाइस रूट इनिशिएटिव। इसके तहत अगले एक वर्ष में मसालों और प्राचीन बंदरगाहों पर आधारित 10 विशिष्ट पर्यटन सर्किट तैयार किए जाएंगे। इन सर्किटों का उद्देश्य राज्य की समृद्ध समुद्री और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करना और पर्यटकों को एक विशिष्ट अनुभव प्रदान करना है।

प्राचीन बंदरगाहों और सांस्कृतिक धरोहरों को जोड़ने की योजना

इस परियोजना की रूपरेखा तैयार की जा रही है, जिसके तहत केरल के प्राचीन बंदरगाहों, मसाला व्यापार से जुड़ी प्रमुख जगहों और सांस्कृतिक धरोहर स्थलों को एक साथ जोड़ा जाएगा। मुज़िरिस प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शेरोन वीत्तिल ने बताया कि यह सर्किट पारंपरिक विरासत पर्यटन सर्किटों से भिन्न होंगे क्योंकि इनमें अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर को भी महत्वपूर्ण स्थान दिया जाएगा।
इस पहल का उद्देश्य न केवल स्थलों का प्रदर्शन करना है, बल्कि इन क्षेत्रों की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत — जैसे कि पारंपरिक कला, भोजन, वास्तुकला और शिल्प — को भी संरक्षित और प्रस्तुत करना है।

शैक्षिक पर्यटन और अंतरराष्ट्रीय सहयोग

स्पाइस रूट इनिशिएटिव केवल पर्यटन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे शैक्षिक दृष्टिकोण से भी जोड़ा जाएगा। इसके लिए महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के साथ मिलकर विरासत अध्ययन, संग्रहालय प्रबंधन, और स्थिरता जैसे विषयों पर लघु अवधि के पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। यह पहल भारतीय और विदेशी विश्वविद्यालयों के बीच ज्ञान विनिमय और सहयोग को भी प्रोत्साहित करेगी।

पारंपरिक ज्ञान और व्यंजन संग्रहालय

परियोजना के तहत दो प्रमुख संग्रहालयों की भी योजना बनाई गई है:

  • पारंपरिक ज्ञान संग्रहालय: इसमें वास्तुकला, खाद्य परंपराएं, मसालों का ज्ञान, कला और संस्कृति से जुड़े पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित किया जाएगा। यदि कोई समुदाय अपना पारंपरिक ज्ञान साझा करना चाहता है, तो उसे संरक्षित कर एक डिजिटल और भौतिक संग्रह के रूप में संग्रहालय में रखा जाएगा।
  • खाद्य संग्रहालय (कोझिकोड में): केरल की विविध और समृद्ध पाक परंपरा को संरक्षित और प्रदर्शित करने के लिए यह संग्रहालय स्थापित किया जाएगा। पारंपरिक व्यंजनों को 3D प्रोजेक्शन तकनीक के माध्यम से दर्शाया जाएगा, जिससे मसालों के ऐतिहासिक महत्व को भी जोड़ा जाएगा।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ‘मसाला मार्ग’ (Spice Route) ऐतिहासिक समुद्री व्यापार मार्ग था, जिसके माध्यम से भारत खासकर केरल से मसालों का व्यापार यूरोप, मध्य एशिया और अरब देशों तक होता था।
  • मुज़िरिस प्राचीन काल का एक प्रमुख बंदरगाह था, जो आज केरल में कोच्चि के पास स्थित है।
  • केरल विश्व प्रसिद्ध मसालों जैसे काली मिर्च, दालचीनी, इलायची और जायफल का ऐतिहासिक उत्पादक और निर्यातक राज्य रहा है।
  • कोझिकोड (कालीकट) ऐतिहासिक रूप से मसालों के व्यापार का एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र रहा है, जहां वास्को-डी-गामा पहली बार भारत आया था।
Originally written on October 3, 2025 and last modified on October 3, 2025.

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