केरल बना भारत का पहला पूर्ण डिजिटल साक्षर राज्य

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गुरुवार को घोषणा की कि केरल भारत का पहला पूर्ण डिजिटल साक्षर राज्य बन गया है। यह उपलब्धि डिजी केरल परियोजना के पहले चरण की सफलता के साथ सामने आई है, जिसका उद्देश्य राज्य भर के स्थानीय निकायों के माध्यम से डिजिटल खाई को पाटना था।
डिजी केरल परियोजना: एक व्यापक और समावेशी पहल
डिजी केरल परियोजना ने राज्य के हर नागरिक को बुनियादी डिजिटल कौशल से लैस करने का संकल्प लिया। यह पहल पूरी तरह से स्थानीय स्तर पर आधारित थी, जिसमें हर पंचायत, नगरपालिका और नगर निगम ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
- व्यापक सर्वेक्षण: राज्य के 83.46 लाख परिवारों से 1.5 करोड़ लोगों का सर्वेक्षण किया गया।
- लक्ष्य आधारित हस्तक्षेप: सर्वेक्षण में 21.88 लाख लोग डिजिटल रूप से निरक्षर पाए गए, जिनमें से 21.87 लाख (99.98%) ने प्रशिक्षण पूर्ण कर मूल्यांकन भी सफलतापूर्वक पास किया।
- वृद्धों की भागीदारी: 104 वर्षीय एम.ए. अब्दुल्ला मौलवी बक़वी जैसे वरिष्ठ नागरिकों ने भी प्रशिक्षण में हिस्सा लिया, जिससे इस योजना की समावेशिता स्पष्ट होती है।
- स्थानीय निकायों की भूमिका: प्रशिक्षण का क्रियान्वयन पूरी तरह स्थानीय स्तर पर किया गया, जो केरल की विकेन्द्रीकृत शासन प्रणाली की सफलता को दर्शाता है।
डिजिटल साक्षरता का राष्ट्रीय विकास में महत्व
डिजिटल साक्षरता न केवल तकनीकी जानकारी प्रदान करती है, बल्कि यह समावेशी विकास, सुशासन और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- डिजिटल खाई को पाटना: इस पहल से लोग अब आयुष्मान भारत, पीएम-किसान, जन धन योजना जैसी सेवाओं का लाभ ऑनलाइन उठा सकते हैं।
- डिजिटल लोकतंत्र को सशक्त बनाना: नागरिक अब ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने, सूचना का अधिकार (RTI) फाइल करने और डिजिटल मंचों पर भागीदारी कर सकते हैं।
- डिजिटल इंडिया के लिए मॉडल: केरल का मॉडल देश के अन्य राज्यों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण है, जो बुनियादी ढांचे से अधिक मानव संसाधन विकास पर केंद्रित है।
- सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण: महिलाओं, वृद्धों और वंचित वर्गों को डिजिटल कौशल मिलने से उन्हें आजीविका, स्वयं सहायता समूहों और छोटे व्यवसायों में नई संभावनाएं मिली हैं।
- संकटों में सक्षम शासन: डिजिटल साक्षर आबादी महामारी, आपदा या अन्य आपात स्थितियों में ऑनलाइन सेवाओं और ई-लर्निंग के माध्यम से बेहतर ढंग से सामंजस्य बैठा सकती है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- डिजी केरल परियोजना के तहत 21.87 लाख लोगों ने डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण पूर्ण किया।
- 104 वर्षीय एम.ए. अब्दुल्ला मौलवी बक़वी सबसे वरिष्ठ प्रतिभागियों में से एक थे।
- केरल भारत का पहला राज्य है जिसने डिजिटल साक्षरता को पंचायत स्तर तक पहुँचाया।
- यह पहल ‘डिजिटल इंडिया’ मिशन के स्थानीय मॉडल के रूप में अन्य राज्यों के लिए प्रेरणास्रोत बन चुकी है।
केरल की यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल डिजिटल भारत की दिशा में एक मील का पत्थर है, बल्कि यह बताती है कि जब शासन स्थानीय भागीदारी और समावेशिता पर आधारित हो, तो तकनीकी क्रांति समाज के हर वर्ग तक पहुँच सकती है।