केटामाइन: मानसिक रोग का इलाज या संभावित नशा?

केटामाइन एक शक्तिशाली ऐनेस्थेटिक (बेहोशी लाने वाली दवा) है, जिसे अमेरिका की ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन ने हैलुसिनोजेन (मतिभ्रम उत्पन्न करने वाली दवा) के रूप में वर्गीकृत किया है। इसे “डिसोसिएटिव ऐनेस्थेटिक हैलुसिनोजेन” कहा जाता है क्योंकि यह व्यक्ति को दर्द और वातावरण से अस्थायी रूप से अलग-थलग अनुभव कराता है।
पहली बार इसका इस्तेमाल 1960 के दशक में पशुओं के लिए ऐनेस्थेटिक के रूप में हुआ, और बाद में 1970 के दशक में इंसानों पर भी उपयोग की अनुमति मिली। हाल के वर्षों में इसे डिप्रेशन और अन्य मानसिक रोगों के इलाज के लिए भी अपनाया गया है।
केटामाइन का सेवन कैसे किया जाता है?
- चिकित्सीय उपयोग: मानसिक रोगियों को आम तौर पर IV (इंट्रावेनस), नेज़ल स्प्रे या टैबलेट के रूप में हफ्ते में एक या दो बार दिया जाता है। यह 6 से 8 सप्ताह की उपचार अवधि में होता है।
- मनोरंजन के लिए उपयोग: पार्टी या क्लब संस्कृति में लोग इसे सफेद क्रिस्टलीय पाउडर के रूप में सूंघकर (snort) लेते हैं। इसे इंजेक्शन या धुएं के रूप में भी लिया जा सकता है।
प्रभाव: चिकित्सा लाभ और खतरे दोनों
केटामाइन लेने वालों ने इसे “ब्रेन रीसेट बटन” जैसा बताया है। इलाज के दौरान कई लोगों को सुखद दृश्य अनुभव हुए और उन्होंने स्वयं को ब्रह्मांड से जुड़ा हुआ महसूस किया। इस अनुभव के बाद उनकी रोजमर्रा की समस्याएं हल्की लगने लगीं।
केटामाइन का यह प्रभाव इसलिए अनोखा है क्योंकि यह ब्रेन रिसेप्टर्स को प्रभावित करता है जिन्हें पारंपरिक एंटीडिप्रेसेंट नहीं करते।
हालांकि, उच्च मात्रा में लेने पर व्यक्ति को चलने-फिरने में कठिनाई हो सकती है, शरीर सुन्न हो सकता है, और अत्यधिक मतिभ्रम (hallucinations) हो सकते हैं। इस स्थिति को उपयोगकर्ता “के-होल” कहते हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- केटामाइन का चिकित्सा उपयोग FDA द्वारा स्वीकृत है, लेकिन सीमित स्थिति में।
- अमेरिका में यह नियंत्रित दवाओं की सूची में है।
- इसे मनोरंजन के लिए लेने पर नशे की लत, मूत्राशय की क्षति और संज्ञानात्मक क्षमताओं में गिरावट जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- दवा की लंबी अवधि के उपयोग पर अभी पर्याप्त शोध उपलब्ध नहीं है।
- चिकित्सकीय मात्रा और निरीक्षण में इसका सीमित उपयोग सुरक्षित माना जाता है।
मस्क का मामला और व्यापक चिंताएं
मशहूर उद्योगपति एलन मस्क पर आरोप है कि उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार बनने के दौरान केटामाइन का अत्यधिक सेवन किया, जिससे मूत्राशय की समस्याएं उत्पन्न हुईं। रिपोर्टों के अनुसार, वे प्रतिदिन करीब 20 गोलियां अपने पास रखते थे। उन्होंने इसे अवसाद (डिप्रेशन) के इलाज के लिए लेना बताया है।
यह उदाहरण इस तथ्य को उजागर करता है कि यदि केटामाइन का उपयोग बिना उचित चिकित्सा निगरानी के हो, तो यह गंभीर स्वास्थ्य और नैतिक संकट पैदा कर सकता है। इसलिए, मानसिक स्वास्थ्य के इलाज में जहां यह संभावित समाधान हो सकता है, वहीं इसके अत्यधिक या गलत उपयोग से जुड़े खतरे भी उतने ही वास्तविक हैं।
केटामाइन की चर्चा भारत में भी चिकित्सा और नशा नियंत्रण दोनों दृष्टिकोणों से आवश्यक है, ताकि इसका लाभ उठाया जा सके लेकिन इसके दुरुपयोग से सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके।