केंद्र सरकार ने नागरिकता के लिए आवेदन आमंत्रित किये

केंद्र सरकार ने नागरिकता के लिए आवेदन आमंत्रित किये

केंद्र सरकार ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत भारत में नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदुओं, सिखों, जैनियों, बौद्धों, पारसियों और ईसाइयों को आमंत्रित किया है।

मुख्य बिंदु

अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के कई प्रवासी गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और छत्तीसगढ़ के 13 जिलों में रह रहे हैं। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत आदेश को लागू करने के लिए अधिसूचना जारी की है।

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 क्या है?

11 दिसंबर, 2019 को पारित अधिनियम ने “नागरिकता अधिनियम, 1955” में संशोधन किया। इसने अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से सताए गए धार्मिक अल्पसंख्यकों (हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों या ईसाइयों) के लिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए रास्ता प्रदान किया। इसने इन प्रवासियों के लिए प्राकृतिककरण (naturalization) के लिए “निवास आवश्यकता” को 12 से 6 वर्ष तक कम  कर दिया है।

नागरिकता के लिए कौन आवेदन कर सकता है?

अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से सताए अल्पसंख्यक जो पहले 31 दिसम्बर, 2014 से पहले भारत आ चुके हैं, वे आवेदन कर सकते हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो के रिकॉर्ड के आंकड़ों के अनुसार, इससे 30,000 लोगों को लाभ मिलेगा।

Originally written on May 29, 2021 and last modified on May 29, 2021.

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