केंद्र सरकार ने किसानों को अगले दौर की वार्ता के लिए आमंत्रित किया

केंद्र सरकार ने किसानों को अगले दौर की वार्ता के लिए आमंत्रित किया

कृषि कानूनों पर गतिरोध को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने हाल ही में किसानों को अगले दौर की वार्ता के लिए आमंत्रित किया है। इस वार्ता के लिए सरकार ने किसानों को एक तारीख चुनने के लिए कहा है।

इस सम्बन्ध में कृषि मंत्रालय ने किसान संगठनों को एक पत्र लिखा है, जिसमे बातचीत के माध्यम से विवाद को हल करने का ज़िक्र किया गया है। गौरतलब है अब तक 6 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेंकिन अभी तक कोई समाधान प्राप्त नही हुआ है। 6वें दौर की वार्ता रद्द हो गयी थी, क्योंकि किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। केंद्र सरकार  ने प्रस्ताव दिया था कि वह कृषि कानूनों में संशोधन करेगी। इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए किसान संगठनों ने 6वें दौर की बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया था।

किसान विरोध क्यों कर रहे हैं?

भारत सरकार द्वारा पारित किये तीन कृषि सुधार विधेयकों के खिलाफ किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन कानूनों को सितंबर 2020 में लागू किया गया था। इस कानूनों ने कृषि उत्पादों की बिक्री, मूल्य निर्धारण और भंडारण के नियमों में थोड़ी ढील दी है।

इन कानूनों से असहमति के कारण किसानों ने एक शांतिपूर्ण विरोध शुरू किया, इस आन्दोलन को ‘दिल्ली चलो’ नाम दिया है। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व अधिकांश पंजाबी और सिख किसान कर रहे हैं।

किसानों की चिंता

किसानों को भय है कि नए कृषि बिल उनकी आजीविका के लिए खतरा हैं।

Originally written on December 25, 2020 and last modified on December 25, 2020.

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