केंद्र सरकार ने ओबीसी सूचियां बनाने के लिए राज्यों की शक्तियां बहाल की

केंद्र सरकार ने ओबीसी सूचियां बनाने के लिए राज्यों की शक्तियां बहाल की

केंद्र सरकार ने 4 अगस्त, 2021 को एक संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दी, जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी ओबीसी सूची बनाने के लिए सशक्त बनाने का प्रयास करता है।

मुख्य बिंदु

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में विधेयक को मंजूरी दी गई। अब इसे संसद में पारित कराने के लिए पेश किया जाएगा।

पृष्ठभूमि

5 मई, 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने अदालत द्वारा बहुमत के फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया था। इस फैसले के अनुसार 102वें संविधान संशोधन ने नौकरियों और प्रवेश में कोटा देने के लिए “सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग (SEBC)” घोषित करने की राज्यों की शक्ति को वापस ले लिया था।

102वां संविधान संशोधन अधिनियम

2018 के 102वें संविधान संशोधन अधिनियम में एक नया अनुच्छेद 338B सम्मिलित किया गया। यह अनुच्छेद राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की संरचना, कर्तव्यों और शक्तियों से संबंधित है। अधिनियम में अनुच्छेद 342ए का भी प्रावधान है जो राष्ट्रपति को किसी विशेष जाति को SEBC के रूप में अधिसूचित करने और सूची को बदलने के लिए संसद को शक्ति प्रदान करता है।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (National Commission for Backward Classes – NCBC)

NCBC को 123वें संविधान संशोधन विधेयक और संविधान में 102वें संशोधन के तहत संवैधानिक निकाय का दर्जा दिया गया था। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 338B NCBC से संबंधित है। यह सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अधीन काम करता है। NCBC  की स्थापना 14 अगस्त 1993 को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के अनुसार की गई थी।

Originally written on August 5, 2021 and last modified on August 5, 2021.

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