केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ केरल विधानसभा ने प्रस्ताव पारित किया

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ केरल विधानसभा ने प्रस्ताव पारित किया

31 दिसंबर, 2020 को केरल विधानसभा ने तीन कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव में तीनों कानूनों को खत्म करने की मांग की गई है।

मुख्य बिंदु

गौरतलब है कि उत्तरी भारत के कुछ एक राज्यों विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी सम्बन्ध में 30 दिसम्बर, 2020 को सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच छठे दौर की वार्ता हुई थी। इस वार्ता में सरकार ने पराली जलाने को अपराध न घोषित करने और बिजली से जुड़े कानूनों पर किसानों की मांगों को मानने के लिए सहमती प्रकट की है।

किसान विरोध क्यों कर रहे हैं?

भारत सरकार द्वारा पारित किये तीन कृषि सुधार विधेयकों के खिलाफ किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन कानूनों को सितंबर 2020 में लागू किया गया था। इस कानूनों ने कृषि उत्पादों की बिक्री, मूल्य निर्धारण और भंडारण के नियमों में थोड़ी ढील दी है।

इन कानूनों से असहमति के कारण किसानों ने एक शांतिपूर्ण विरोध शुरू किया, इस आन्दोलन को ‘दिल्ली चलो’ नाम दिया है। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व अधिकांश पंजाबी और सिख किसान कर रहे हैं।

किसानों की चिंता

किसानों को भय है कि नए कृषि बिल उनकी आजीविका के लिए खतरा हैं।

Originally written on January 2, 2021 and last modified on January 2, 2021.

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