केंद्र की योजनाओं में तमिलनाडु सरकार की आर्थिक भागीदारी: एक विश्लेषण

तमिलनाडु सरकार ने बार-बार यह दिखाया है कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं के कार्यान्वयन में उसकी आर्थिक भागीदारी अक्सर केंद्र सरकार से अधिक होती है। विभिन्न दस्तावेज़ों के अनुसार, कम से कम छह प्रमुख केंद्रीय योजनाओं में राज्य सरकार की वित्तीय भागीदारी केंद्र से अधिक रही है। यह न केवल राज्य की सामाजिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह भी इंगित करता है कि केंद्र की सहायता केवल नाममात्र की होती है।

सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में राज्य की अग्रणी भूमिका

राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) के अंतर्गत आने वाली तीन योजनाएं – इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (IGNOAPS), विधवा पेंशन योजना (IGNWPS) और दिव्यांग पेंशन योजना (IGNDPS) – पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित मानी जाती हैं। हालांकि, वास्तविकता यह है कि राज्य सरकार इन योजनाओं में पेंशन राशि का बड़ा हिस्सा वहन करती है।
उदाहरण के लिए, IGNOAPS के तहत केंद्र सरकार 60 से 79 वर्ष की आयु के लाभार्थियों को केवल ₹200 से ₹300 देती है, जबकि शेष ₹900 से ₹1,000 राज्य सरकार जोड़ती है ताकि लाभार्थी को कुल ₹1,200 मिल सके। इसी तरह, IGNDPS के अंतर्गत भी ₹1,500 की पेंशन में से केवल ₹300 या ₹500 केंद्र का अंश होता है, बाकी राज्य सरकार देती है।

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में असंतुलित भागीदारी

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत सामान्यतः खर्च का वितरण 60:40 के अनुपात में होना चाहिए, लेकिन तमिलनाडु में वास्तव में यह अनुपात 39:61 हो गया है। राज्य में एक इकाई मकान की कुल लागत ₹2,83,900 है, जिसमें केंद्र का हिस्सा ₹1,11,100 है जबकि राज्य ₹1,72,800 वहन करता है। इसमें RCC छत और शौचालय निर्माण जैसे अतिरिक्त घटकों का खर्च राज्य सरकार उठाती है।

अन्य योजनाओं में भी राज्य की बढ़ती भूमिका

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) में नाममात्र अनुपात केंद्र 60% और राज्य 40% है, लेकिन व्यावहारिक स्तर पर केंद्र का योगदान केवल 27% और राज्य का 73% होता है। इसी प्रकार, जल जीवन मिशन (JJM) में 50:50 की भागीदारी होनी चाहिए, लेकिन राज्य का वास्तविक योगदान 55% तक पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने सार्वजनिक रूप से इन तथ्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की आंशिक सहायता से इन योजनाओं को लागू करना संभव नहीं होता, इसलिए राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अधिक धनराशि उपलब्ध करवा रही है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • तमिलनाडु सरकार ने 1962 से ही वृद्धावस्था पेंशन योजना शुरू की थी, जो NSAP से पहले की पहल है।
  • केंद्र सरकार की IGNOAPS योजना में वृद्धों के लिए ₹200-₹500 की सहायता दी जाती है, जबकि तमिलनाडु ₹1,000 तक जोड़ता है।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में राज्य द्वारा दिया गया वास्तविक योगदान 61% तक है।
  • जल जीवन मिशन में भी राज्य सरकार की भागीदारी 55% तक पहुंच चुकी है, जबकि नियमानुसार यह 50% होनी चाहिए।

तमिलनाडु सरकार की ये नीतिगत पहलें यह स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं कि राज्य सरकार, केंद्र प्रायोजित योजनाओं को केवल क्रियान्वित करने तक सीमित नहीं रहती, बल्कि उसमें सक्रिय आर्थिक सहयोग देकर जनता के कल्याण को प्राथमिकता देती है। यह न केवल एक प्रभावी प्रशासनिक दृष्टिकोण को दर्शाता है, बल्कि शासन में राज्य की प्रमुख भूमिका को भी रेखांकित करता है।

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