कृष्णवेणी संगीत निराजनम् 2025: आंध्र प्रदेश की संगीत और संस्कृति का उत्सव
पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और संगीत नाटक अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में “कृष्णवेणी संगीत निराजनम्” का तीसरा संस्करण 6 और 7 दिसंबर 2025 को विजयवाड़ा में आयोजित किया जा रहा है। आंध्र प्रदेश पर्यटन विभाग और राज्य संस्कृति विभाग द्वारा समर्थित यह महोत्सव तेलुगु संगीत परंपराओं की गहराई को प्रदर्शित करते हुए सांस्कृतिक पहचान और संगीत पर्यटन को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखता है।
उद्घाटन सत्र और मुख्य उद्देश्य
इस वर्ष के उत्सव का उद्घाटन आंध्र प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री कंदुला दुर्गेश द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम में केंद्र और राज्य के वरिष्ठ पर्यटन अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति रहेगी। महोत्सव की थीम “तेलुगु संगीत परंपराओं की समृद्धि का उत्सव” पर आधारित है, जिसका उद्देश्य आंध्र प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को सशक्त बनाना, बुनकरों और शिल्पकारों को समर्थन देना तथा विजयवाड़ा को कर्नाटक संगीत के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
संगीत समारोह और विशेष प्रस्तुतियां
दो दिवसीय इस महोत्सव में कुल 18 संगीत कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें 98 कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। प्रमुख आयोजन स्थल “तुम्मलपल्लिवारी क्षेत्रय्या कला क्षेत्रम” होगा। 7 दिसंबर की सुबह दुर्गा घाट पर मल्लाड़ी ब्रदर्स के नेतृत्व में पंचरत्न कृतियों की विशेष प्रस्तुति दी जाएगी, जिसमें विजयवाड़ा और गुंटूर के सरकारी संगीत महाविद्यालयों के शिक्षक और विद्यार्थी भी सम्मिलित होंगे।
प्रीक्वल कॉन्सर्ट्स और सांस्कृतिक विस्तार
राज्यभर में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए तीन प्रीक्वल कॉन्सर्ट्स आयोजित किए गए। ये कार्यक्रम 29 नवंबर को श्रीकालहस्ती, 1 दिसंबर को सिम्हाचलम और 2 दिसंबर 2025 को श्रीशैलम में हुए। इन प्रस्तुतियों ने भक्ति और शास्त्रीय संगीत परंपरा की झलक प्रस्तुत करते हुए मुख्य महोत्सव के प्रति उत्सुकता को और बढ़ाया।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- आयोजन: तीसरा संस्करण, 6–7 दिसंबर 2025, विजयवाड़ा
- थीम: तेलुगु संगीत परंपराओं की समृद्धि का उत्सव
- कुल संगीत कार्यक्रम: 18 (98 कलाकारों की भागीदारी)
- विशेष प्रस्तुति: 7 दिसंबर को दुर्गा घाट पर पंचरत्न कृतियां
- आयोजक: पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय एवं संगीत नाटक अकादमी
हस्तशिल्प प्रदर्शनी और पर्यटन प्रोत्साहन
महोत्सव के अंतर्गत एक विशेष प्रदर्शनी में जीआई-टैग वाले और पारंपरिक आंध्र शिल्प प्रदर्शित किए जाएंगे, जिनमें कोंडापल्ली खिलौने, एतिकोप्पाका लाख शिल्प, उदयगिरि कटेलरी, चमड़ा कठपुतलियाँ, नरसापुर लेस तथा मंगलगिरी और वेनकटगिरी की प्रसिद्ध हैंडलूम वस्त्रकला शामिल हैं। यह पहल “वोकल फॉर लोकल” दृष्टिकोण को सशक्त बनाते हुए स्थानीय कारीगरों को व्यापक मंच प्रदान करती है।