कृषि में डीप-टेक क्रांति: विश्व आर्थिक मंच की नई रिपोर्ट

कृषि में डीप-टेक क्रांति: विश्व आर्थिक मंच की नई रिपोर्ट

विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने “Shaping the Deep-Tech Revolution in Agriculture” नामक एक ऐतिहासिक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें सात प्रमुख तकनीकी क्षेत्रों की पहचान की गई है जो वैश्विक कृषि प्रणालियों को पूरी तरह से बदल सकते हैं। यह रिपोर्ट शैक्षणिक और उद्योग जगत के सहयोग से तैयार की गई है और इसका उद्देश्य गहरी तकनीकों (Deep-Tech) के समावेश से कृषि उत्पादन, स्थिरता और जलवायु सहनशीलता को सुदृढ़ करना है।

कृषि परिवर्तन के सात डीप-टेक क्षेत्र

WEF रिपोर्ट में जिन सात तकनीकों को कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने वाला बताया गया है, वे हैं:

  1. जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Generative AI)
  2. कंप्यूटर विज़न
  3. रोबोटिक्स
  4. एज इंटरनेट ऑफ थिंग्स (Edge IoT)
  5. सैटेलाइट-सक्षम रिमोट सेंसिंग
  6. CRISPR जीन संपादन तकनीक
  7. नैनोटेक्नोलॉजी

इन तकनीकों का संयुक्त उपयोग फसलों की बुआई, निगरानी, उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला को अधिक कुशल, पारदर्शी और टिकाऊ बना सकता है। इससे कृषि उत्पादकता में वृद्धि, कार्बन लेखांकन में पारदर्शिता और जलवायु परिवर्तन के प्रति बेहतर लचीलापन प्राप्त किया जा सकता है।

प्रभावी उपयोग और वैश्विक उदाहरण

रिपोर्ट में दुनियाभर से कई सफल प्रयोगों का उल्लेख है:

  • ऑटोनोमस स्वार्म रोबोटिक्स से खेतों में सटीक संचालन संभव हुआ है।
  • क्लाइमेट-रेजिलिएंट चावल की किस्मों ने 20% तक ग्रीनहाउस उत्सर्जन घटाया है।
  • शुगरकेन प्रिसिजन फार्मिंग तकनीकों से गन्ने की उपज में 40% तक वृद्धि हुई है।
  • रिमोट सेंसिंग मॉडल्स से आपूर्ति श्रृंखला में संभावित बाधाओं का पूर्वानुमान लगाया जा रहा है।

इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि जब डीप-टेक तकनीकों को एक साथ जोड़ा जाता है, तो वे जलवायु और उत्पादकता की समस्याओं का समाधान एक साथ कर सकती हैं।

सहयोग और नीति निर्माण की आवश्यकता

रिपोर्ट इस बात पर बल देती है कि इन तकनीकों को बड़े स्तर पर लागू करने के लिए उद्योग, शिक्षा जगत, निवेशक और नीति निर्माता एक साथ मिलकर कार्य करें। सरकारों से आग्रह किया गया है कि वे लचीली नियामक नीतियाँ अपनाएं और “पॉलिसी सैंडबॉक्स” जैसे प्रयोगात्मक ढांचे बनाएं, जिससे नवाचार को बढ़ावा मिल सके। बहु-विषयी अनुसंधान, प्रारंभिक जोखिम प्रबंधन और समावेशी नवाचार को रिपोर्ट की प्राथमिकता बताया गया है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • रिपोर्ट में सात प्रमुख डीप-टेक तकनीकों की पहचान की गई है: AI, कंप्यूटर विज़न, रोबोटिक्स, IoT, रिमोट सेंसिंग, CRISPR, नैनोटेक्नोलॉजी।
  • उल्लेखनीय उपयोग: स्वार्म रोबोटिक्स, प्रिसिजन मैनेजमेंट, कार्बन रिपोर्टिंग।
  • सफल प्रयोग: जलवायु-स्थायी चावल और उच्च उपज वाली गन्ना खेती।
  • यह रिपोर्ट WEF की AI4AI पहल का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत 2021 में हुई थी।

भविष्य की दिशा: एक वैश्विक डीप-टेक पारिस्थितिकी तंत्र

WEF के प्रबंध निदेशक जेरेमी जुर्गेन्स ने कहा कि डीप-टेक परिवर्तन के लिए “विज्ञान, उद्योग, वित्त और नीति” को जोड़ने वाले इकोसिस्टम की आवश्यकता है। कृषि परियोजना प्रमुख अभय पारीक ने भारत में AI आधारित फसल निगरानी और यूरोप में रोबोटिक्स के प्रयोग को इसकी वैश्विक पहुंच का प्रमाण बताया। AI4AI पहल के माध्यम से भारत में डीप-टेक कृषि नवाचार को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है।

Originally written on November 8, 2025 and last modified on November 8, 2025.

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