कुरुक्षेत्र मेला

कुरुक्षेत्र मेला

कुरुक्षेत्र मेला मुख्य रूप से कुरुक्षेत्र, हरियाणा में मनाया जाता है। मेला का स्थान घटना की पवित्रता को जोड़ता है। कुरुक्षेत्र वह भूमि है भगवान कृष्ण ने अर्जुन को भगवदगीता का उपदेश दिया था। यह स्थान इसलिए भी महत्व रखता है क्योंकि प्रसिद्ध ऋषि मनु ने यहां मनुस्मृति लिखा था। ‘ऋग्वेद’ और ‘साम वेद’ भी यहाँ रचे गए थे। भगवान कृष्ण के अलावा, भूमि गौतम बुद्ध और प्रसिद्ध सिख गुरुओं जैसी ख्याति प्राप्त हस्तियों द्वारा देखी गई थी। कुरुक्षेत्र में सौर और चंद्र ग्रहण के दौरान मेले लगते हैं।

कुरुक्षेत्र मेले का उत्सव
कुरुक्षेत्र मेले के दौरान, पूरे भारत के श्रद्धालु और तीर्थयात्री कुरुक्षेत्र में मिलते हैं। प्रत्येक व्यक्ति द्वारा पवित्र तालाबों के पवित्र जल में स्नान करने के लिए एक समारोह देखा जाता है । पूरा परिवेश कई गतिविधियों के साथ स्वर्गीय और धार्मिक हो जाता है।

सप्ताह भर का मेला श्लोक पठन, भागवत कथा वचन, संगीत, नाटक , पुस्तक प्रदर्शनी’ और ‘मुफ्त चिकित्सा जांच शिविर’ जैसे प्रमुख आकर्षणों के साथ मनाया जाता है। मेले का आयोजन कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड, हरियाणा पर्यटन, जिला प्रशासन, उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग हरियाणा द्वारा किया जाता है। कई लोग ऐसे मौकों पर मोक्ष के लिए यहां आते हैं। कुरुक्षेत्र हिंदू धर्म के मूल का अंकुरित मैदान रहा है। यह पवित्र नगरों में से एक है, जिसने भगवान कृष्ण के चरणों की छाप को जन्म दिया है।

Originally written on March 2, 2019 and last modified on March 2, 2019.

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