किस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पानी से आर्सेनिक को हटाने के लिए कम लागत वाले फ़िल्टर का विकास किया है?

उत्तर – तेजपुर विश्वविद्यालय

असम के तेजपुर विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने एक कम लागत वाले सरल फ़िल्टर का विकास किया है, जिसके द्वारा पानी से आर्सेनिक को अलग किया जा सकता है। इस फ़िल्टर सिस्टम का नाम “Arsiron Nilogon” रखा गया है। इस फ़िल्टर से आर्सेनिक तथा आयरन से दूषित जल से  होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से निजात मिलेगी। गौरतलब है कि यह फ़िल्टर सिस्टम भूमिगत जल में से 99.9% आर्सेनिक प्रदूषण को अलग कर देता है। इस फ़िल्टर प्रक्रिया में कुकिंग सोडा, पोटैशियम परमैंगनेट तथा फेरिक क्लोराइड का उपयोग किया जाता है।

आर्सेनिक पृथ्वी की भूपर्पटी में पाया जाने वाला प्राकृतिक घटक है, परन्तु अजैविक अवस्था में यह काफी अधिक विषैला होता है। लम्बे समय तक अजैविक आर्सेनिक का सेवन करने अथवा इससे प्रभावित जल में उपजे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से कैंसर भी हो सकता है। इस फ़िल्टर प्रक्रिया के द्वारा पानी से आर्सेनिक और आयरन के अलावा मैंगनीज, लेड, निकल और क्रोमियम इत्यादि को भी अलग किया जाता है।

Originally written on July 18, 2019 and last modified on July 18, 2019.

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