किसानों के लिए राहत: 2025-26 में भी जारी रहेगा संशोधित ब्याज सब्सिडी योजना, 14 खरीफ फसलों के MSP में भी बढ़ोतरी

भारत सरकार ने 28 मई, 2025 को किसानों के लिए दो महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिनमें संशोधित ब्याज सब्सिडी योजना (MISS) की निरंतरता और 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि शामिल है। ये कदम कृषि क्षेत्र को मजबूती देने और किसानों की आय में वृद्धि करने की दिशा में माने जा रहे हैं।

संशोधित ब्याज सब्सिडी योजना (MISS) की निरंतरता

सरकार ने 2025-26 के लिए MISS योजना को उसी 1.5% ब्याज सब्सिडी दर के साथ जारी रखने का निर्णय लिया है। इसके तहत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से ₹3 लाख तक के अल्पकालिक ऋण पर 7% ब्याज दर पर ऋण मिलता है, जिसमें से 1.5% की सब्सिडी सरकार देती है।
जो किसान समय पर ऋण चुकाते हैं, उन्हें अतिरिक्त 3% की छूट मिलती है, जिससे प्रभावी ब्याज दर घटकर 4% रह जाती है। पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए विशेष रूप से लिए गए ऋणों पर यह लाभ ₹2 लाख तक लागू होता है। इस योजना से सरकारी खजाने पर ₹15,640 करोड़ का भार आएगा।

खरीफ फसलों के लिए MSP में वृद्धि

कैबिनेट ने 14 खरीफ फसलों के MSP में वृद्धि को मंजूरी दी, जिसमें अरहर (तूर) के लिए सबसे अधिक ₹450 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर इसे ₹8,000 किया गया है। अन्य फसलों जैसे धान, मूंग, उड़द और कपास के MSP में भी वृद्धि की गई है।
रागी और नाइजरसीड में सर्वाधिक प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई, जबकि मूंग में सबसे कम। सरकार ने बताया कि सभी फसलों के MSP को उनके औसत उत्पादन लागत से कम से कम 1.5 गुना रखा गया है, जो वर्ष 2019-20 के बजट में घोषित सिद्धांत के अनुरूप है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • KCC (किसान क्रेडिट कार्ड): वर्ष 1998 में शुरू हुई योजना जो किसानों को सस्ता और त्वरित ऋण प्रदान करती है।
  • MISS योजना: केंद्र सरकार की केंद्रीय क्षेत्र योजना जो संस्थागत कृषि ऋण को सस्ता बनाती है।
  • MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य): वह मूल्य जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदने की गारंटी देती है।
  • MS Swaminathan आयोग: इस आयोग ने MSP को उत्पादन लागत से 50% अधिक रखने की सिफारिश की थी।
  • प्रधानमंत्री का MSP फॉर्मूला: ‘A2+FL’ यानी फसल की सीधी लागत और परिवार की मजदूरी को जोड़कर MSP तय करना।

संशोधित ब्याज सब्सिडी योजना की निरंतरता और खरीफ फसलों के MSP में वृद्धि भारत सरकार की किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। जहां एक ओर यह कदम किसानों को सस्ते ऋण का लाभ देगा, वहीं दूसरी ओर बढ़ा हुआ MSP उन्हें बेहतर मूल्य दिलाने में मदद करेगा। यह आवश्यक है कि इन योजनाओं का प्रभाव जमीनी स्तर पर सुनिश्चित किया जाए ताकि छोटे और सीमांत किसान भी इसका पूरा लाभ उठा सकें।

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