किश्तवाड़ के छत्रू क्षेत्र में बड़ा उग्रवाद विरोधी अभियान शुरू
जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के छत्रू क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने एक बड़े आतंकवाद-रोधी अभियान की शुरुआत की है। यह कार्रवाई उस समय शुरू की गई जब खुफिया एजेंसियों को इस क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी की विश्वसनीय सूचना प्राप्त हुई। इस ऑपरेशन का नेतृत्व भारतीय सेना की व्हाइट नाइट कॉर्प्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस संयुक्त रूप से कर रही हैं।
खुफिया जानकारी के आधार पर चल रहा अभियान
ऑपरेशन की शुरुआत बुधवार तड़के उस समय हुई जब सुरक्षाबलों ने संदिग्ध आतंकवादियों से संपर्क स्थापित किया। इसके तुरंत बाद दोनों ओर से गोलीबारी हुई, जिससे इस बात की पुष्टि हुई कि इलाके में आतंकी मौजूद हैं। सेना ने बताया कि अभियान को बहुत सावधानी से अंजाम दिया जा रहा है ताकि किसी प्रकार की जनहानि न हो और आतंकियों को निष्क्रिय किया जा सके। क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए संभावित भागने के रास्तों को बंद करने के लिए अतिरिक्त बलों की तैनाती भी की गई है।
किश्तवाड़ की रणनीतिक अहमियत
किश्तवाड़ जिला चिनाब घाटी क्षेत्र में स्थित है और यह दक्षिण कश्मीर और पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला के निकट होने के कारण सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। पिछले कुछ वर्षों में यह इलाका अपेक्षाकृत शांत रहा है, लेकिन हाल के दिनों में यहां पर आतंकियों की गतिविधियों में इजाफा देखा गया है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह गतिविधियाँ नियंत्रण रेखा के पार से हो रही घुसपैठ और क्षेत्र में पुन: उग्रवाद को सक्रिय करने के प्रयासों का परिणाम हो सकती हैं।
सेना और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
यह अभियान सेना, अर्धसैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के बीच बेहतर तालमेल का उदाहरण प्रस्तुत करता है। अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय खुफिया जानकारी और निगरानी उपकरणों की मदद से संदिग्ध ठिकानों का पता लगाया गया। अभियान में ड्रोन और थर्मल इमेजिंग डिवाइस का प्रयोग भी किया जा रहा है ताकि जंगलों और दुर्गम इलाकों में आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। इस ऑपरेशन की निगरानी वरिष्ठ अधिकारी मुख्यालय से कर रहे हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- “ऑपरेशन छत्रू” जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चल रहा एक बड़ा आतंकवाद-रोधी मिशन है।
- यह अभियान भारतीय सेना की व्हाइट नाइट कॉर्प्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जा रहा है।
- किश्तवाड़, चिनाब घाटी क्षेत्र का हिस्सा है और इसकी रणनीतिक सुरक्षा महत्ता बहुत अधिक है।
- सेना ने 5 नवम्बर 2025 की सुबह आतंकियों से संपर्क की पुष्टि की थी।
जम्मू क्षेत्र में बढ़ती सतर्कता
इस अभियान से पहले भी जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा बलों द्वारा कई सख्त कदम उठाए गए हैं। घुसपैठ की सूचनाओं को देखते हुए सुरक्षा चौकियों को मजबूत किया गया है, हवाई निगरानी बढ़ाई गई है और संवेदनशील इलाकों में गश्त तेज कर दी गई है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करें ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।