कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना: स्थानांतरण, खामियां और जांच
कालेश्वरम लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट (KLIP), जिसे पूर्ववर्ती भारत राष्ट्र समिति (BRS) सरकार ने तेलंगाना की जीवनरेखा बताया था, आज कई विवादों के घेरे में है। गोडावरी नदी पर बना यह बहुउद्देश्यीय सिंचाई प्रोजेक्ट तीन साल के भीतर ही बड़े ढांचागत नुकसान झेल चुका है।
परियोजना कहां बनी?
यह परियोजना तेलंगाना के भूपालपल्ली जिले के कालेश्वरम में, गोडावरी नदी पर बनी है। इसके तहत रामडुगु, मेदिगड्डा, सुंडिल्ला और अन्नाराम में बैराज निर्मित किए गए।
- उद्देश्य: 13 जिलों में 16 लाख एकड़ से अधिक भूमि की सिंचाई, हैदराबाद को पीने का पानी, औद्योगिक उपयोग और मार्ग में आने वाले गांवों को पानी उपलब्ध कराना।
- कुल जल आवंटन योजना: 240 टीएमसी फीट (169 टीएमसी सिंचाई, 30 टीएमसी हैदराबाद के लिए, 16 टीएमसी औद्योगिक उपयोग, 10 टीएमसी गांवों के लिए)।
तूमिडीहट्टी से मेदिगड्डा स्थानांतरण क्यों हुआ?
- मूल रूप से परियोजना तूमिडीहट्टी में प्रस्तावित थी और वहां के लिए हाइड्रोलॉजी क्लियरेंस भी मिल चुका था।
- BRS सरकार ने दावा किया कि वहां पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं है, लेकिन जांच में पता चला कि सेंट्रल वाटर कमीशन (CWC) ने तूमिडीहट्टी में 200 टीएमसी फीट से अधिक पानी की उपलब्धता आंकी थी।
- स्थानांतरण से पहले, प्रणहिता चेवेला सुजला श्रावंती (PCSS) परियोजना के लगभग 30% कार्य (₹11,000 करोड़ की लागत से) तूमिडीहट्टी पर पूरे हो चुके थे।
सुंडिल्ला बैराज के पियर्स क्यों धंस गए?
- आरोप है कि बैराज मजबूत नींव की बजाय परगम्य (permeable) नींव पर बनाए गए, जो भारी जल प्रवाह को सहन नहीं कर सके।
- सुंडिल्ला के पियर्स धंस गए, और अन्नाराम व सुंडिल्ला दोनों बैराज में दरारें आ गईं क्योंकि सरकार ने तकनीकी सलाह के विपरीत अत्यधिक पानी रोका और भंडारित किया।
एकल सदस्यीय न्यायिक आयोग ने किससे सवाल किए?
- कांग्रेस सरकार के चुनावी वादे के तहत, मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय आयोग बनाया।
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आयोग ने 15 महीने में 110 से अधिक गवाहों से पूछताछ की, जिनमें शामिल थे:
- पूर्व CM के. चंद्रशेखर राव
- पूर्व सिंचाई मंत्री टी. हरीश राव
- पूर्व वित्त मंत्री ईटाला राजेंद्र (जिन पर लापरवाही से फंड जारी करने का आरोप लगा)
- रिपोर्ट 31 जुलाई को सौंपी गई, जिसके बाद सरकार ने मानसून सत्र में इस पर चर्चा का निर्णय लिया।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- KLIP को दुनिया की सबसे बड़ी बहु-स्तरीय लिफ्ट सिंचाई परियोजना माना जाता है।
- कुल लागत ₹71,000 करोड़ से बढ़कर ₹1 लाख करोड़ से अधिक हो गई।
- गोडावरी में कालेश्वरम का स्थान प्रणहिता और गोडावरी के संगम पर है।
- परियोजना का नहर नेटवर्क 1,800 किमी से अधिक लंबा है।
कालेश्वरम परियोजना पर अब चर्चा केवल तकनीकी खामियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें निर्णय प्रक्रिया की पारदर्शिता, लागत में वृद्धि और राजनीतिक जवाबदेही भी केंद्र में है।
Originally written on
August 12, 2025
and last modified on
August 12, 2025.