कालेश्वरम परियोजना की तीन बैराजों की मरम्मत को मिली मंज़ूरी

कालेश्वरम परियोजना की तीन बैराजों की मरम्मत को मिली मंज़ूरी

तेलंगाना की महत्वाकांक्षी कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना एक बार फिर सुर्खियों में है। लगभग दो वर्षों तक चली राजनीतिक और प्रशासनिक खींचतान के बाद राज्य सरकार ने नेशनल डैम सेफ्टी अथॉरिटी (NDSA) की सिफारिशों के आधार पर परियोजना की तीन प्रमुख बैराजों — मेडिगड्डा, अन्नाराम और सुंदरिल्ला — की मरम्मत कराने का निर्णय लिया है।

सरकार का नया कदम: डिज़ाइन एजेंसियों से आमंत्रण

राज्य के सिंचाई एवं कमांड क्षेत्र विकास विभाग (I&CAD) ने प्रतिष्ठित डिज़ाइन एजेंसियों से “एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट” (EOI) आमंत्रित किए हैं ताकि वे इन बैराजों के पुनर्वास और पुनर्स्थापन की डिज़ाइन तैयार कर सकें। विभाग के अनुसार, एजेंसियों को अपने प्रस्ताव 15 अक्टूबर तक जमा करने होंगे।सेंट्रल डिज़ाइंस ऑर्गनाइज़ेशन के मुख्य अभियंता ने बताया कि जिन एजेंसियों का चयन होगा, वे NDSA की जांच रिपोर्ट के आधार पर मरम्मत की डिज़ाइन तैयार करेंगी।

विवाद और जांच की पृष्ठभूमि

अक्टूबर 2023 में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले मेडिगड्डा बैराज के कुछ पिलर्स धंस गए थे, जिससे परियोजना की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठे। उस समय कांग्रेस पार्टी ने तत्कालीन बीआरएस सरकार पर भ्रष्टाचार और निर्माण में लापरवाही के आरोप लगाए थे। यह घटना चुनावी परिणामों पर भी असर डालने वाली साबित हुई।कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद NDSA से जांच कराई। अप्रैल 2025 में प्रस्तुत की गई 378 पृष्ठों की रिपोर्ट में NDSA ने बैराजों की डिज़ाइन और निर्माण में गंभीर खामियां पाई और तीनों बैराजों के पुनर्वास की सिफारिश की। रिपोर्ट में कहा गया कि ऊपरी दो बैराज — अन्नाराम और सुंदरिल्ला — संरचनात्मक रूप से कमजोर हैं और मरम्मत के बिना उपयोग योग्य नहीं हैं।इसके अलावा, मार्च 2024 में गठित जस्टिस पी.सी. घोष आयोग ने भी 31 जुलाई 2025 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए परियोजना की योजना, निर्माण और रखरखाव में कई अनियमितताओं की ओर संकेत किया।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ और विवाद

वर्तमान कांग्रेस सरकार के इस निर्णय पर बीआरएस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी का कहना है कि सरकार ने दो वर्ष जांच में बर्बाद किए और अंततः वही कदम उठाया जिसकी मांग बीआरएस पहले से कर रही थी। बीआरएस का आरोप है कि इस देरी से किसानों को भारी नुकसान हुआ क्योंकि सिंचाई सुविधाएँ बाधित रहीं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना गोदावरी नदी पर आधारित है और इसे दुनिया की सबसे बड़ी मल्टी-स्टेज लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं में गिना जाता है।
  • परियोजना का उद्देश्य तेलंगाना के उत्तर और मध्य जिलों को सिंचाई एवं पेयजल उपलब्ध कराना है।
  • मेडिगड्डा, अन्नाराम और सुंदरिल्ला — ये तीन मुख्य बैराज मिलकर इस परियोजना की नींव बनाते हैं।
  • परियोजना का उद्घाटन जून 2019 में हुआ था, जिसकी लागत लगभग ₹1 लाख करोड़ बताई गई थी।
Originally written on October 6, 2025 and last modified on October 6, 2025.

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