कलेम रेलवे स्टेशन पर लौह अयस्क हैंडलिंग के लिए गोवा वन्यजीव बोर्ड ने दी NBWL को सिफारिश

गोवा के भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत स्थित कलेम रेलवे स्टेशन पर लौह अयस्क के लोडिंग और अनलोडिंग से संबंधित परियोजना को लेकर राज्य वन्यजीव बोर्ड (SBWL) ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस परियोजना को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) के समक्ष विचारार्थ भेजने की सिफारिश की गई है, जो हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों के अधीन होगी। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी, वन मंत्री विश्वजीत राणे और अन्य बोर्ड सदस्य उपस्थित थे।
प्रस्ताव की पृष्ठभूमि और अदालती कार्यवाही
इस परियोजना को लेकर विभिन्न स्तरों पर विधिक प्रक्रिया चल रही है। जुलाई 2023 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने गोवा सरकार को म्हादई वन्यजीव अभयारण्य और अन्य चिन्हित क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व घोषित करने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने 8 सितंबर 2023 को आदेश दिया कि टाइगर रिजर्व घोषित किए जाने वाले क्षेत्रों में किसी भी विकासात्मक गतिविधि पर यथास्थिति बनी रहे।
इसी बीच जनवरी 2024 में गोवा फाउंडेशन नामक NGO ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की, जिसमें कलेम रेलवे स्टेशन पर लौह अयस्क की हैंडलिंग को वन्यजीवों और वनस्पति के लिए हानिकारक बताया गया। हाई कोर्ट ने इस पर मुख्य वन्यजीव संरक्षक को कानून के अनुसार निर्णय लेने को कहा।
परियोजना पर उठे वैकल्पिक सुझाव
मार्च 2024 में हुई बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव को स्थगित कर दिया गया था। सानवोर्डेम के विधायक गणेश गवोंकर ने सुझाव दिया कि अभयारण्य की सीमा से लगभग 2 किमी दूर स्थित पुराने रेलवे यार्ड का उपयोग लौह अयस्क की हैंडलिंग के लिए किया जा सकता है। इससे अभयारण्य क्षेत्र की भूमि गैर-वानिकी कार्यों के लिए प्रयोग नहीं करनी पड़ेगी।
इसके अलावा, बोर्ड के एक अन्य सदस्य ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा परियोजना को दी गई सशर्त मंजूरी का हवाला देते हुए सुझाव दिया कि विशेषज्ञों की एक समिति बनाकर परियोजना के वन्यजीवों पर पड़ने वाले समग्र प्रभाव का अध्ययन कर शमन रणनीतियाँ तैयार की जाएं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य गोवा का सबसे बड़ा संरक्षित वन क्षेत्र है, जो पश्चिमी घाट के जैव विविधता क्षेत्र में स्थित है।
- यह अभयारण्य मौलेम क्षेत्र में स्थित है और डुडसागर जलप्रपात इसी क्षेत्र का हिस्सा है।
- लौह अयस्क गोवा की प्रमुख खनिज संपदाओं में से एक है, जिसका निर्यात दशकों से किया जा रहा है।
- भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत किसी भी संरक्षित क्षेत्र में खनन या अन्य गैर-वानिकी गतिविधियों के लिए वन्यजीव मंजूरी आवश्यक होती है।