कनाडा ने राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की

कनाडा ने राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की

14 फरवरी, 2022 को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने कोविड स्वास्थ्य नियमों के खिलाफ ट्रक वालों के विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की है।

मुख्य बिंदु

  • पुलिस द्वारा हथियारों के के साथ 11 लोगों को गिरफ्तार करने के बाद, जो संयुक्त राज्य के साथ सीमा को अवरुद्ध कर रहे थे, आपातकाल को लागू किया गया।
  • कनाडा के इतिहास में यह केवल दूसरी बार है जब शांतिकाल में ऐसी शक्तियों का प्रयोग किया गया है।
  • शक्तियों का आह्वान इसलिए किया गया क्योंकि सैकड़ों ट्रकों ने अभी भी ओटावा की सड़कों को बंद कर दिया हैं।
  • प्रधानमंत्री ने आगे कहा, इस स्तर पर सेना की तैनाती नहीं की जाएगी। हालांकि, अधिकारियों को विरोध प्रदर्शनों के वित्तपोषण पर प्रतिबंध लगाने के अलावा, प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने और नाकेबंदी हटाने के लिए उनके ट्रकों को जब्त करने की अधिक शक्तियां प्रदान की जाएंगी।

आपातकालीन अधिनियम क्यों लागू किया गया?

संघीय सरकार ने नाकाबंदी और व्यवसायों को संबोधित करने के लिए प्रांतीय और क्षेत्रीय क्षमता के पूरक के लिए आपातकालीन अधिनियम लागू किया है।

एमरजेंसी एक्ट आखिरी बार कब इस्तेमाल किया गया था?

1970 के अक्टूबर संकट के दौरान, पूर्व प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो (जस्टिन ट्रूडो के पिता) द्वारा आपातकालीन अधिनियम का उपयोग किया गया था। चरमपंथी अलगाववादियों द्वारा एक ब्रिटिश व्यापार अताशे और एक क्यूबेक मंत्री, पियरे लैप्रेट के अपहरण के बाद सामान्य स्थिति को बहाल करने के लिए सैनिकों को क्यूबेक भेजा गया था। 

Freedom Convoy

हाल ही में कनाडा में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हुए। यह विरोध प्रदर्शन मुख्य रूप से कनाडा के ट्रक चालकों द्वारा शुरू किये गये हैं। दरअसल कनाडा की सरकार ने सीमा-पार आवाजाही के लिए ट्रक चालकों  के लिए कोविड-19 वैक्सीन अनिवार्य कर दी है। अब कनाडा में प्रवेश करते समय ट्रक चालकों को टीकाकरण का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा। सरकार के इस निर्णय से नाराज़ हो कर सैंकड़ों की संख्या में ट्रक चालक अपने ट्रकों के साथ राजधानी ओटावा की ओर रवाना हो गये। कनाडा के ट्रक चालक इसे अपनी स्वंतंत्र के विरुद्ध मान रहे हैं। इन प्रदर्शनकारियों को देश-विदेश के कई लोगों को समर्थन भी दिया जा रहा है। ट्रक चालकों के इस आन्दोलन को Freedom Convoy नाम दिया गया है। हालाँकि, कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों द्वारा उपद्रव को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

Originally written on February 15, 2022 and last modified on February 15, 2022.

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