कतर राष्ट्रीय दिवस 2025: “आपसे राष्ट्र उठता है, आपसे ही आशा”

कतर राष्ट्रीय दिवस 2025: “आपसे राष्ट्र उठता है, आपसे ही आशा”

कतर ने अपने 2025 के राष्ट्रीय दिवस समारोह के लिए आधिकारिक नारा घोषित कर दिया है, जो वफादारी, कर्तव्य और प्रगति जैसे मूल्यों पर आधारित है। यह नारा क़तर के अमीर शेख तमिम बिन हमद अल थानी द्वारा 2016 में कतर विश्वविद्यालय में दिए गए एक प्रेरणादायक भाषण से प्रेरित है। इस नारे के माध्यम से कतर ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि राष्ट्र की प्रगति उसके नागरिकों की जागरूकता, सेवा और समर्पण पर निर्भर करती है।

नए नारे का अर्थ और उद्देश्य

2025 के राष्ट्रीय दिवस के लिए चुना गया नारा है: “Bekum Ta’lu W’ Minkum Tantazer” जिसका शाब्दिक अर्थ है: “आपसे राष्ट्र उठता है, आपसे ही आशा करता है।” यह संदेश नागरिकों की भूमिका को केंद्रीय मानते हुए यह इंगित करता है कि कतर की शक्ति और स्थिरता सीधे तौर पर उसके लोगों के समर्पण और योगदान पर आधारित है।
यह नारा केवल प्रेरणात्मक वाक्य नहीं है, बल्कि एक राष्ट्रीय आह्वान है कि नागरिक राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी को गर्व और जिम्मेदारी से निभाएं।

अमीर की दूरदर्शिता और राष्ट्रीय विकास

यह नारा क़तर के अमीर की उस दूरदर्शी सोच का प्रतीक है, जिसमें सामाजिक जागरूकता, राष्ट्रीय जिम्मेदारी और देशभक्ति को देश की प्रगति की नींव माना गया है। अमीर शेख तमिम के अनुसार, नागरिकों की निष्ठा और सक्रिय भागीदारी के बिना राष्ट्र की स्थिरता और विकास की कल्पना नहीं की जा सकती।
कतर के संस्कृति मंत्री शेख अब्दुर्रहमान बिन हमद अल थानी ने इस सन्दर्भ में कहा कि सच्ची नागरिकता विशेषाधिकार नहीं बल्कि निरंतर दायित्व और सेवा है। उन्होंने राष्ट्र से प्रेम को मां की निःस्वार्थ सेवा से जोड़ा, यह कहते हुए कि सच्चा देशभक्त वह है जो बिना किसी पुरस्कार की अपेक्षा के अपने देश की सेवा करता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • कतर के 2025 राष्ट्रीय दिवस का आधिकारिक नारा है: “Bekum Ta’lu W’ Minkum Tantazer”
  • यह वाक्यांश 2016 में अमीर शेख तमिम के कतर यूनिवर्सिटी भाषण से लिया गया है।
  • कतर हर साल 18 दिसंबर को अपना राष्ट्रीय दिवस मनाता है, जो 1878 में देश की स्थापना की याद दिलाता है।
  • नारा मानव विकास और नागरिक कर्तव्य को राष्ट्रीय प्रगति की आधारशिला मानता है।

उत्सव और राष्ट्रीय पहचान

कतर राष्ट्रीय दिवस 2025 केवल उत्सव नहीं बल्कि राष्ट्र की एकता, उपलब्धियों और भविष्य की दृष्टि को सम्मानित करने का अवसर होगा। आयोजक समिति ने स्पष्ट किया कि इस वर्ष का विषय नागरिकों में गर्व, निष्ठा और सक्रिय भागीदारी की भावना को प्रोत्साहित करेगा।
संस्कृतिक कार्यक्रमों और जन भागीदारी के माध्यम से यह अवसर नागरिकों को यह याद दिलाएगा कि राष्ट्र की प्रगति किसी सरकार या योजना तक सीमित नहीं, बल्कि हर नागरिक की सामूहिक चेतना और सेवा भावना से संचालित होती है।

Originally written on November 10, 2025 and last modified on November 10, 2025.

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