कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट: OPEC+ के उत्पादन निर्णय का प्रभाव
दिसंबर 2025 के बाद उत्पादन वृद्धि को रोकने के OPEC+ के निर्णय के बाद वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में मामूली गिरावट देखी गई है। यह कदम संभावित आपूर्ति अधिशेष और रूस पर नए अमेरिकी प्रतिबंधों से उत्पन्न अनिश्चितताओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, जो तेल बाजार में अस्थिरता का संकेत देता है।
OPEC+ का उत्पादन योजना में बदलाव
OPEC और उसके सहयोगियों (OPEC+) ने रविवार को यह निर्णय लिया कि दिसंबर 2025 में तेल उत्पादन को प्रतिदिन 1,37,000 बैरल तक बढ़ाया जाएगा। हालांकि, इसके बाद जनवरी, फरवरी और मार्च 2026 के लिए किसी भी नई उत्पादन वृद्धि को रोक दिया गया है। यह “रणनीतिक ठहराव” बाजार की मांग में संभावित कमजोरी और 2026 की शुरुआत में अनुमानित आपूर्ति अधिशेष के कारण अपनाया गया है।
बाजार की प्रतिक्रिया और कीमतों में उतार-चढ़ाव
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, ब्रेंट क्रूड जनवरी वायदा $64.71 प्रति बैरल पर 0.28% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है, जबकि वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) दिसंबर वायदा $60.90 पर 0.25% नीचे रहा। भारत के मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर नवंबर क्रूड ऑयल वायदा 0.70% गिरकर ₹5,409 और दिसंबर अनुबंध 0.66% गिरकर ₹5,405 पर पहुंच गया। विश्लेषकों के अनुसार, यह गिरावट बाजार में सतर्क रुख को दर्शाती है, क्योंकि व्यापारी OPEC+ के इस संयम को वैश्विक भंडार बढ़ने की स्थिति में तौल रहे हैं।
आपूर्ति को लेकर विश्लेषकों की चेतावनी
ING Think के वॉरेन पैटरसन और ईवा मंथे के अनुसार, 2026 की पहली तिमाही में कच्चे तेल का अधिकतम अधिशेष रहने की संभावना है, इसलिए उत्पादन वृद्धि को रोकना एक समझदारी भरा निर्णय है। हालांकि, यदि अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण रूसी तेल आपूर्ति बाधित होती है, तो यह अधिशेष प्रभावित हो सकता है और OPEC+ को अपनी उत्पादन रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है। विशेष रूप से रोसनेफ्ट और लुकोइल जैसी रूसी कंपनियों से निर्यात पर नजर रखी जा रही है, क्योंकि 21 नवंबर को प्रतिबंधों की ढील अवधि समाप्त हो रही है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- OPEC+ दिसंबर 2025 में प्रतिदिन 1,37,000 बैरल उत्पादन बढ़ाएगा।
- जनवरी से मार्च 2026 के लिए उत्पादन वृद्धि स्थगित की गई है।
- 4 नवंबर 2025 को ब्रेंट क्रूड $64.71 और WTI $60.90 प्रति बैरल पर कारोबार कर रहे थे।
- अमेरिका के नए प्रतिबंध रूसी तेल आपूर्ति और वैश्विक कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं।
अन्य कमोडिटी बाज़ार की स्थिति
कच्चे तेल के अलावा अन्य कमोडिटी बाजारों में भी उतार-चढ़ाव देखा गया। MCX पर नवंबर निकेल वायदा 1.89% गिरकर ₹1,288.50 पर बंद हुआ, जबकि NCDEX पर नवंबर ग्वारगम अनुबंध 0.43% बढ़कर ₹8,731 पर पहुंच गया। वहीं दिसंबर की हल्दी (फार्मर पॉलिश्ड) वायदा 0.97% गिरकर ₹14,532 रही। विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक व्यापार और ऊर्जा आपूर्ति की बदलती स्थिति के चलते कमोडिटी बाजारों में अस्थिरता बनी रह सकती है।