औद्योगिक गतिविधियों में गिरावट: वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में सबसे धीमी वृद्धि
सितंबर 2025 में भारत की औद्योगिक गतिविधियों में हल्की गिरावट दर्ज की गई, जिससे औद्योगिक उत्पादन तीन महीनों के निचले स्तर 4% पर आ गया। आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि केवल 3% रही, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे धीमी मानी जा रही है।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में धीमी प्रगति
IIP, जो देश की औद्योगिक प्रगति का प्रमुख संकेतक है, ने पिछले कुछ वर्षों में धीरे-धीरे गिरावट का संकेत दिया है:
- 2021-22: 24% (कोविड-19 से प्रभावित वर्ष के कम आधार प्रभाव के कारण)
- 2022-23: 7%
- 2023-24: 6.3%
- 2024-25: 4.1%
- 2025-26 (पहली छमाही): 3% (अब तक की सबसे धीमी गति)
सितंबर 2025 में IIP वृद्धि 4% रही, जबकि पिछले वर्ष इसी महीने यह 3.2% थी। हालांकि जुलाई 2025 में यह 4.3% तक पहुंची थी, लेकिन उसके बाद फिर से गिरावट आई है।
किस क्षेत्र ने विकास दर को नीचे खींचा?
औद्योगिक सुस्ती के पीछे तीन प्रमुख क्षेत्र जिम्मेदार रहे:
- खनन क्षेत्र: अगस्त 2025 में 6.6% वृद्धि के बाद सितंबर में 0.45% की गिरावट।
- प्राथमिक वस्तुएं: सितंबर में केवल 1.4% वृद्धि, जबकि अगस्त में 5.4% थी।
- उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुएं: लगातार दूसरे महीने गिरावट; सितंबर में 2.9% की गिरावट।
उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं में तेज़ी और निर्माण क्षेत्र में सुधार
- उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं: सितंबर 2025 में 10.2% की तेज़ वृद्धि, जो पिछले महीने 3.5% थी। यह संकेत देता है कि उपभोक्ता मांग में सुधार हो रहा है।
- निर्माण क्षेत्र: सितंबर में 4.8% की वृद्धि, जो अगस्त में 3.8% थी।
GST दरों में कटौती का प्रभाव
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस के अनुसार, उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं में गिरावट का कारण जीएसटी दरों में हुई देर से कटौती हो सकती है। उन्होंने कहा कि पुरानी कीमतों वाले उत्पादों को बेचने में व्यापारियों को दिक्कत हुई, जिससे असली प्रभाव अक्टूबर-नवंबर में देखने को मिलेगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- IIP को मासिक रूप से सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है।
- यह सूचकांक तीन मुख्य क्षेत्रों को कवर करता है: खनन, निर्माण, और बिजली।
- उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं जैसे टीवी, फ्रिज और वॉशिंग मशीन दीर्घकालिक उपयोग की वस्तुएं होती हैं।
- उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुएं जैसे साबुन, टूथपेस्ट, खाद्य पदार्थ आदि जल्दी उपयोग में आने वाली वस्तुएं होती हैं।
वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में औद्योगिक क्षेत्र की सुस्ती, नीति निर्माताओं के लिए एक चिंता का विषय है। हालांकि उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं में उछाल एक सकारात्मक संकेत है, पर समग्र रूप से मांग और उत्पादन दोनों को सुदृढ़ करने के लिए और नीतिगत प्रयासों की आवश्यकता है।