ओसीआई (OCI) कार्डधारकों के लिए नए नियम: आपराधिक मामलों में पंजीकरण रद्द हो सकता है

ओसीआई (OCI) कार्डधारकों के लिए नए नियम: आपराधिक मामलों में पंजीकरण रद्द हो सकता है

भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने प्रवासी भारतीय नागरिकों (Overseas Citizens of India – OCI) के लिए नए नियम जारी किए हैं, जो उनके पंजीकरण और कार्ड की वैधता पर सीधा प्रभाव डाल सकते हैं। मंगलवार को जारी गजट अधिसूचना के अनुसार, यदि कोई ओसीआई कार्डधारक आपराधिक मामलों में दोषी पाया जाता है या उन पर गंभीर आरोपपत्र दायर होता है, तो उनका ओसीआई पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।

नए नियमों के मुख्य बिंदु

गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, निम्नलिखित परिस्थितियों में ओसीआई पंजीकरण रद्द किया जा सकता है:

  1. अगर ओसीआई कार्डधारक को दो वर्ष या उससे अधिक की जेल की सजा सुनाई गई हो।
  2. अगर उस पर ऐसे अपराध का आरोपपत्र दायर किया गया हो, जिसकी अधिकतम सजा सात वर्ष या उससे अधिक है।

यह नियम इस बात से अप्रभावित रहेगा कि अपराध भारत में हुआ हो या विदेश में — बशर्ते वह अपराध भारतीय कानून के अंतर्गत मान्यता प्राप्त हो।

अन्य परिस्थितियाँ जहाँ ओसीआई पंजीकरण रद्द किया जा सकता है

विदेश मंत्रालय के अनुसार, निम्नलिखित स्थितियों में भी ओसीआई पंजीकरण रद्द किया जा सकता है:

  • अगर ओसीआई पंजीकरण धोखाधड़ी, झूठे विवरण या महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाकर प्राप्त किया गया हो।
  • अगर व्यक्ति ने भारतीय संविधान के प्रति असंतोष या शत्रुता दर्शाई हो।
  • यदि भारत युद्ध की स्थिति में हो और ओसीआई धारक ने दुश्मन देश से व्यावसायिक संबंध बनाए रखे हों।
  • यदि पंजीकरण के पांच वर्षों के भीतर दो साल या अधिक की जेल सजा सुनाई गई हो।
  • यदि भारत की संप्रभुता, एकता, सुरक्षा, विदेशी संबंधों या जनहित को खतरा हो।

ओसीआई योजना क्या है?

‘ओसीआई’ योजना वर्ष 2005 में शुरू की गई थी। इसके तहत भारतवंशी विदेशी नागरिकों को वीज़ा-मुक्त यात्रा और दीर्घकालिक भारत निवास की सुविधा दी जाती है। यह सुविधा उन विदेशी नागरिकों को दी जाती है जो:

  • 26 जनवरी 1950 या उसके बाद भारत के नागरिक थे, या
  • उनके पूर्वज भारत के नागरिक थे।

हालांकि, यह सुविधा उन व्यक्तियों को नहीं मिलती जो कभी पाकिस्तान या बांग्लादेश के नागरिक रहे हों, या उनके बच्चे, पोते-पोतियाँ या परपोते-परपोतियाँ हों।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ओसीआई योजना की शुरुआत: वर्ष 2005
  • प्राधिकरण: नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 7D
  • प्रमुख प्रावधान: दो साल या उससे अधिक की सजा, या सात साल से अधिक के अपराध का आरोपपत्र = पंजीकरण रद्द
  • प्रभाव क्षेत्र: भारत और विदेश दोनों में घटित अपराधों पर लागू
  • ओसीआई कार्ड की प्रकृति: आजीवन वीज़ा सुविधा, लेकिन भारतीय नागरिकता नहीं

यह निर्णय भारत की नागरिकता और सुरक्षा नीतियों को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि ओसीआई योजना का दुरुपयोग न हो और भारत की सुरक्षा, एकता और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा हो सके।

Originally written on August 14, 2025 and last modified on August 14, 2025.

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