ओमान में भारतीय कार्यबल को बड़ी राहत, रोजगार सीमा बढ़कर 50 प्रतिशत
भारत ने ओमान के साथ आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते के तहत ओमान ने भारतीय नागरिकों के लिए रोजगार सीमा को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की अनुमति दे दी है। यह फैसला भारतीय कामगारों, पेशेवरों और ओमान में कार्यरत या निवेश करने वाली भारतीय कंपनियों के लिए दूरगामी लाभ लेकर आने वाला माना जा रहा है।
रोजगार सीमा में ऐतिहासिक बढ़ोतरी
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, नई व्यवस्था के तहत ओमान में कार्यरत कंपनियां अपने कुल कार्यबल का आधा हिस्सा भारतीय नागरिकों से भर सकेंगी। इससे भारतीय कंपनियों को तीसरे देशों से कर्मचारियों की भर्ती करने की मजबूरी नहीं रहेगी। यह प्रावधान सभी कौशल स्तरों पर भारतीयों के लिए अवसर सुनिश्चित करता है और कंपनियों को मानव संसाधन योजना में अधिक लचीलापन देता है।
‘स्टैंडस्टिल क्लॉज’ से दीर्घकालिक सुरक्षा
इस समझौते की एक अहम विशेषता ‘स्टैंडस्टिल क्लॉज’ है, जिसके तहत 50 प्रतिशत की यह सीमा भविष्य में घटाई नहीं जा सकेगी। इससे भारतीय व्यवसायों और कर्मचारियों को दीर्घकालिक स्थिरता और भरोसा मिलेगा। यह प्रावधान विशेष रूप से उन कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण है जो ओमान में दीर्घकालिक निवेश और संचालन की योजना बना रही हैं।
सार्क देशों के समान व्यवहार की गारंटी
समझौते में एक ‘पैरिटी क्लॉज’ भी शामिल है, जिसके तहत ओमान यदि भविष्य में किसी अन्य सार्क देश को श्रम से जुड़ी कोई अतिरिक्त रियायत देता है, तो वही सुविधा स्वतः भारत को भी मिलेगी। हालांकि ओमान में स्थानीय नागरिकों की भर्ती को प्राथमिकता देने की नीति बनी रहेगी, लेकिन यह प्रतिबंध मुख्यतः कुछ संवेदनशील या वरिष्ठ पदों तक सीमित रहेगा।
सेवाओं के व्यापार और पेशेवर आवाजाही को बढ़ावा
खाड़ी क्षेत्र में भारत के लिए सेवाओं का व्यापार एक प्रमुख क्षेत्र है। वर्तमान में ओमान में लगभग सात लाख भारतीय नागरिक कार्यरत हैं, जो हर साल भारत को दो अरब डॉलर से अधिक का प्रेषण भेजते हैं। नए प्रावधानों के तहत इंट्रा-कॉरपोरेट ट्रांसफरीज़ के लिए वीज़ा अवधि बढ़ाकर चार वर्ष कर दी गई है। कॉन्ट्रैक्चुअल सेवा प्रदाताओं को भी चार वर्ष तक का वीज़ा मिलेगा, जबकि स्वतंत्र पेशेवर 180 दिनों तक रह सकेंगे। व्यापारिक आगंतुकों के लिए 90 दिनों तक का वीज़ा प्रावधान किया गया है।
भारत–ओमान आर्थिक संबंधों का रणनीतिक महत्व
यह निर्णय भारत की पश्चिम एशिया नीति के अनुरूप है और खाड़ी श्रम बाजार में भारत की स्थिति को और मजबूत करता है। इससे न केवल विदेशी रोजगार और प्रेषण में वृद्धि होगी, बल्कि भारतीय कंपनियों के लिए ओमान एक और अधिक आकर्षक गंतव्य बनकर उभरेगा। दीर्घकाल में यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार, सेवाओं और श्रम गतिशीलता में नए अवसर खोलेगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ओमान ने भारतीय कार्यबल की सीमा 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत की है।
- यह प्रावधान व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते के अंतर्गत किया गया है।
- ‘स्टैंडस्टिल क्लॉज’ के कारण यह सीमा भविष्य में कम नहीं की जा सकेगी।
- ओमान में वर्तमान में लगभग सात लाख भारतीय नागरिक कार्यरत हैं।
कुल मिलाकर, यह रोजगार रियायत भारत के लिए एक रणनीतिक और आर्थिक सफलता है। इससे भारतीय श्रमिकों और पेशेवरों को खाड़ी क्षेत्र में अधिक स्थिर और सुरक्षित अवसर मिलेंगे, जबकि भारत–ओमान साझेदारी को एक नई मजबूती प्राप्त होगी।