ओडिया सिनेमा का इतिहास

ओडिया सिनेमा को अपनी फीचर फिल्म शुरू करने में अपेक्षाकृत लंबा समय लगा। पहली फिल्म 1934 में सीता बिबाह थी। ओडिया सिनेमा के इतिहास में यह एक ऐतिहासिक फिल्म थी। ओडिया सिनेमा 1934-36 में अस्तित्व में आया और पिछले वर्षों में 300 से अधिक फिल्मों का निर्माण किया है। व्यावसायिक फिल्में कमोबेश पूरे भारत में एक जैसी हैं। ओडिया सिनेमा 1980 के दशक में न्यू सिनेमा द्वारा पुनर्जीवित किया गया था जिसने ओडिया सिनेमा को प्रतिभाशाली फिल्म निर्माताओं की एक पीढ़ी दी है। इनमें से ज्यादातर ओडिया निर्देशक एफटीआईआई, पुणे से स्नातक हैं। 1975 में उड़ीसा फिल्म विकास निगम के निर्माण ने सिनेमा हॉल के निर्माण को प्रोत्साहित किया। वर्ष 1960 में ओडिया सिनेमा के इतिहास में पहली बार श्री लोकनाथ को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले ओडिया अभिनेता प्रशांत नंदा थे, जिन्हें सबसे प्रतिभाशाली लोगों में से एक राज्य ने कभी देखा था। आज कई ओडिया कलाकारों ने ओडिया फिल्मों में अपनी जगह बनाई है और इस उद्योग को बहुत अधिक बढ़ावा दिया है। एके बीर जैसे निर्देशकों ने ओडिया सिनेमा को अपने हाइबरनेशन से बाहर निकलने में मदद की और साथ ही राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र तक भी पहुँचा। ओडिया सिनेमा के इतिहास में फिल्म उद्योग के कुछ सबसे प्रतिभाशाली लोग शामिल हैं।

Originally written on February 8, 2021 and last modified on February 8, 2021.

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